क्रिस
काइल की SEAL ट्रेनिंग कुछ ऐसी थी कि सुबह से शाम तक ठन्डे पानी
में बिठा दिया जाता था। घंटो पानी के पाइप से तीखी धार मारी जाती थी। इस बीच इतनी झंड
की जाती थी कि ट्रेनिंग लेते कई साथी बीच में छोड़ के भाग जाते थे। कीचड़ में कोहनियों
के बल कई-कई किलोमीटर चलने के लिए कहा जाता था। इन सब ट्रेनिंग, जिसे आप यातना भी कह
सकते हो, के बाद क्रिस को इराक में पोस्टिंग मिली। क्रिस क्योंकि स्नाइपर थे तो दूर
बैठे ही अलगाववादियों के मत्थे भेद दिया करते थे। साठ से ज़्यादा सटीक निशाने लगाने
के कारण पहले ही टूर में क्रिस को The Legend का ख़िताब मिल गया
था।
काइल
जब रमादी शहर में भेजे गए थे तब वो एक खंडहर में लेटे मरीन ऑफिसर्स के कॉनवॉय को प्रोटेक्ट
कर रहे थे, तभी उनकी नज़र एक बुर्खा पहने औरत पर पड़ी जिसके हाथ
में दो फिट लम्बा ग्रेनेड था। उस औरत ने वो ग्रेनेड अपने बच्चे को थमा दिया जो बामुश्किल
10 साल का होगा, वो बच्चा अमेरिकी कॉनवॉय
की तरफ दौड़ने लगा, क्रिस अपने स्कोप से सब देख रहे थे,
क्या करना है ये निर्णय सिर्फ क्रिस को लेना था जो उन्होंने अगले ही
पल लिया। उस बच्चे की छाती में गोली मार दी। उसकी माँ रोती बिलखती आई और फिर उसने वो
ग्रेनेड उठा लिया, क्रिस को मजबूरन उसे भी गोली मारनी पड़ी।
अपनी
बायोग्राफी में क्रिस ने लिखा कि वो औरत शायद पहले ही मर चुकी थी,
मैं बस उसकी मौत के साथ अपने मरीन साथियों को मरने से बचा रहा था।
इस
घटना की वजह से क्रिस महीनों चैन से नहीं सो पाए। ये था डिप्रेशन। इसे कहते हैं अवसाद
पर क्रिस ने ये अवसाद अपने किसी साथी या अपने परिवार के सामने ज़ाहिर नहीं किया। क्रिस
को ड्यूटी के दौरान दो बार गोली लगी और छः बम धमाके वो झेल गए पर जब भी किसी से मिले,
मुस्कुराते हुए मिले।
++
एक
मेजर माइक टैंगो हैं जो बचपन में विजेता फिल्म दस-दस बार देखा करते थे, तभी से उनका मन आर्मी में शामिल होने का बन चुका था। वो दो बार NDA
एग्जाम में फेल हो गया पर उसने हार न मानी। जब पास हुआ तो ट्रेनिंग के
वक़्त उसके सीनियर उसे कश्मीर में होते ऑपरेशन्स के किस्से सुनाया करते थे। माइक ने
तभी तय कर लिया मैं और कुछ नहीं सिर्फ स्पेशल फ़ोर्स ऑफिसर बनूंगा। इसके बाद उसने IMA
ज्वाइन की और 2004 में उसे स्पेशल फ़ोर्स की ट्रेनिंग
के लिए चुना गया। स्पेशल फ़ोर्स में जो भी जाता है वो शरीर से लोहा तो बन ही चुका होता
है पर पैरा ऑफिसर स्पेशल इसलिए होते हैं कि वो दिमाग से भी मजबूत बनाये जाते हैं।
छः
महीने के प्रोबेशन ट्रेनिग पीरियड के दौरान माइक को रात-रात भर गटर में बैठा दिया जाता
था। सड़ते हुए जानवर कटवाए जाते थे। एक दफा तो रात दो बजे उठा दिया गया, कहा बेनज़ीर भुट्टो पर 1000 शब्दों का निबंध
लिखो कि कैसे उसकी माहवारी के कारण पश्चिम बंगाल में में मानसून आ गया, ये सिर्फ लिखना ही नहीं था, सारे ऑफिसर्स को इस निबंध
से सहमत भी करवाना था। फिर हर ऑफिसर निकलते-बढ़ते बेइज्ज़ती करता रहता था। ज़लील करता
चलता था। इसके बावजूद माइक ने 6 महीने की ट्रेनिंग 4 महीनों में पूरी कर ली।
माइक को एक ऐसे मिशन पर कश्मीर भेजा गया जो पहले से
तय था कि फेल होना है। मिशन से लौटने के बाद माइक के कमांडर ने बहुत बुरी तरह लताड़ा
और उसे SF के लिए मिसफिट करार दे दिया। उसे निकाल बाहर कर नॉर्मल
इन्फेंट्री में भर्ती करने का ऑर्डर आया, वो सामान पैक करने लगा
तो आँखें भर आई। इतनी मेहनत की और सब ज़ाया। उसी वक़्त एक वेटर आया और बताया कि CO
साहब ने बुलाया है। माइक पहुँचा तो CO ने उसे 50 पुशप्स मारने के लिए कहा। माइक भला कैसे इनकार करता, माइक ने जब पुशअप पूरी की तो देखा उसके CO के हाथ में
मेहरून कैप थी जो ख़ास स्पेशल फ़ोर्स ऑफिसर्स के लिए होती है। माइक की ख़ुशी का ठिकाना
न रहा। असल में माइक उन सारे ऑफिसर्स में बेस्ट था पर CO उसकी
बर्दाश्त करने की शक्ति को तौलना चाह रहा था।
मेजर
माइक टैंगो! ये वही ऑफिसर है जिसकी लीडिंग में सर्जिकल स्ट्राइक अंजाम दी गयी थी और
80 कमांडोज़ में से एक भी कमांडो हताहत नहीं हुआ।
अब
सोचिए क्या डिप्रेशन लेवल रहा होगा उस शख्स का जिसे हर कोई लताड़ रहा है, जिसे गटर में रखा जाता है और उससे सड़ा माँस कटवाया जाता है। अब आप दिल पे हाथ
रखकर बताइए कि हीरो कौन हैं? हृतिक रौशन या शाहरुख़ खान?
जिन्हें देखकर हमारे बच्चे वैसा बनना चाहते हैं और न बन पाने की सूरत
में नस काट लेते हैं या मेजर माइक टैंगो और क्रिस काइल जिनके नाम तक आम लोगों तक नहीं
पहुँच पाते पर उनकी वजह से आज हम चैन से बैठे हैं?
मुझे
लगता है, इस देश के नौजवानों को डिप्रेशन से निकलना है तो उन्हें
अपने आइडल्स बदलने की ज़रुरत है पर आपको ये पोस्ट शेयर करने से पहले मुझसे पूछना ज़रूरी
नहीं है।
+
(माइक टैंगो की कोई फोटो या असली नाम सुरक्षा कारणों से सर्वजनिक नहीं किये
गए हैं।)
पोस्ट अवनींद्र जादौन की फेसबुक वाल से साभार
.
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सलाम मेजर को
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विचारोत्तेजक लेख ।
जवाब देंहटाएंसटीक यथार्थ।
अभिनव।