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04 अप्रैल 2025

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित

संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को पारित कर दिया है. लोकसभा के बाद यह विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो गया. राज्यसभा में विधेयक पर लगभग बारह घंटे तक चली चर्चा के बाद देर रात दो बजे के बाद मत-विभाजन करवाया गया. इसमें विधेयक के पक्ष में 128 सदस्यों ने मतदान किया जबकि 95 सदस्यों ने विधेयक के विरोध में मतदान किया. लोकसभा पहले ही विधेयक को मंजूरी दे चुकी है. यहाँ इस विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े.

 



अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने ये संशोधन बिल पेश किया था. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून से करोड़ों गरीब मुसलमानों को फायदा होगा और किसी भी तरह से यह किसी भी मुसलमान को नुकसान नहीं पहुँचाएगा. उन्होंने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में हस्तक्षेप नहीं करता है. वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है, जिसमें विरासत स्थलों की सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के प्रावधान हैं. इस विधेयक का उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ाकर, वक्फ बोर्ड और स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करके और हितधारकों के अधिकारों की रक्षा करके शासन में सुधार करना भी है. इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड को अधिक समावेशी बनाना है.

 

इसी के साथ संसद ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को भी मंजूरी दे दी है. यह विधेयक मुसलमान वक्फ अधिनियम 1923 को निरस्त करता है, जिसे राज्यसभा ने मंजूरी दे दी है. लोकसभा में पहले ही इस विधेयक को पारित किया जा चुका है.


23 फ़रवरी 2019

पोंज़ी स्कीम पर नियंत्रण का प्रयास


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अनियमित जमा योजना और चिट फंडों (संशोधन) पर प्रतिबंध लगाने के नए विधेयकों, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक 2018 और चिट फंड (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निवेशकों की बचतों की रक्षा करने के लिए एक प्रमुख नीतिगत पहल करते हुए अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक 2018 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी. इसका उद्देश्य देश में गैर-कानूनी जमा राशि से जुड़ी समस्याओं से निपटना है. ऐसी योजनाएं चला रही कंपनियां/संस्थान वर्तमान नियामक अंतरों का लाभ उठाते हैं और कड़े प्राशासनिक उपायों के अभाव में गरीबों और भोले-भाले लोगों को ठगते हैं.


इस विधेयक के द्वारा निम्न कानूनी कदम उठाये जायेंगे.
(क) अनियमित जमा राशि से संबंधित गतिविधियों पर पूर्ण रोक.
(ख) अनियमित जमा राशि लेने वाली योजना को बढ़ावा देने अथवा उनके संचालन के लिए सजा.
(ग) जमाकर्ताओं को अदायगी करते समय धांधली के लिए कड़ी सजा.
(घ) जमा करने वाले प्रतिष्ठानों द्वारा चूक की स्थिति में जमा राशि की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक सक्षम प्राधिकार की नियुक्ति.
(ङ) चूक करने वाले प्रतिष्ठान की संपत्ति कुर्क करने के लिए अधिकार देने सहित सक्षम प्राधिकार की शक्तियां और कामकाज.
(च) जमाकर्ताओं की अदायगी की निगरानी और अधिनियम के अंतर्गत अपराधों पर कार्रवाई करने के लिए अदालतों का गठन.
(छ) विधेयक में नियमित जमा योजनाओं को सूचीबद्ध करना, जिसमें सूची का विस्तार करने अथवा काट-छांट करने के लिए केन्द्र सरकार को सक्षम बनाने का खंड हो.

विधेयक में प्रतिबंध लगाने संबंधी एक मूलभूत खंड हैं, इसका प्रमुख नियम यह है कि विधेयक अनियमित जमा राशि लेने वाली गतिविधियों पर रोक लगाएगा. इसे वर्तमान कानून और नियामक ढांचे के बजाय प्रत्याशित अपराध माना जाएगा, जो पर्याप्त समय के साथ यथार्थ निवेश पर लागू होगा. इसमें तीन अलग-अलग प्रकार के अपराध, (1) अनियमित जमा योजनाओं को चलाना, (2) नियमित जमा योजनाओं में धांधली (3) अनियमित जमा योजनाओं को गलत तरीके से प्रोत्साहन, निर्धारित किए गए हैं. इसके साथ-साथ विधेयक में सक्षम प्राधिकार द्वारा संपत्तियों/परिसंपत्तियों को कुर्क करने और जमाकर्ताओं को अदायगी के लिए सम्‍पत्ति की अनुवर्ती वसूली का प्रावधान किया गया है. एक विस्तृत केन्द्रीय कानून होने के कारण विधेयक में कानून की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाया गया है साथ ही कानून के प्रावधानों को लागू करने की प्रमुख जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है.

इस विधेयक के द्वारा पोंजी स्कीम पर नियंत्रण लगने की बात कही जा रही है. पोंजी स्कीम से आशय ऐसे फर्जी निवेश ऑपरेशन से है, जिसमें ऑपरेटर पुराने निवेशकों को रिटर्न नए निवेशकों से प्राप्त धनराशि से देता है. इस स्कीम में वास्तव में कोई कारोबार या किसी व्यावसायिक गतिविधि में पैसा नहीं लगाया जाता बल्कि कुछ व्यक्तियों से पैसा इकठ्ठा कर एक व्यक्ति को रिटर्न के रूप में दे दिया जाता है. इस तरह यह एक चेन बन जाती है जिसमें ज्यादातर लोगों का पैसा डूब जाता है. इटली का एक व्यावसायी चा‌र्ल्स पोंजी ऐसी ही स्कीम चलाकर लोगों का पैसा हजम करता था. इसी कारण ऐसी स्कीम को पोंजी स्कीम के नाम से जाना जाता है.