कुछ
लोगों की आदत होती है दूसरे की नक़ल करने की. उनके जैसी हरकतें करने की. दूसरों की
देखा-देखी वैसे ही काम करने की. इस चक्कर में बहुत बार नकलची को मुँह की खानी पड़ जाती
है. नकलचियों द्वारा जब ऐसा कदम उठा लिया जाता है, तब उन्हें आभास होता है कि वे
कर क्या गए. बिना बिचारे काम कर जाना, कदम उठा जाना और फिर पछताना. इसका परिणाम यह
होता है कि नकलचियों को भुगतना पड़ता है क्योंकि पछताने का कोई फायदा नहीं होता है.
इस
बारे में आज कुछ कहने का विचार नहीं. एक चुटकुला जैसी कथा याद या गई, आप लघुकथा भी
कह सकते हैं उसे. उसी को पढ़िए और आनंद लीजिये.
++++++++++
एक
हवाई जहाज आसमान में अपनी रफ़्तार से उड़ान भर रहा था. उसके अन्दर सभी सवारियाँ
अपने-अपने में मगन गंतव्य तक पहुँचने का इंतजार भी कर रही थीं. उन्हीं सवारियों
में एक तोता भी बैठा हुआ था. किसी बड़े रंगबाज़ का तोता था सो उसे एक जगह से दूसरी
जगह पहुँचाने के लिए हवाई यात्रा का सहारा लिया गया था.
बहुत
देर से अन्दर बैठे-बैठे वह तोता ऊबने लगा. जब उसे कुछ समझ नहीं आया तो उसने सीट के
सामने लगा स्विच दबा दिया. अगले ही पल एयर होस्टेस उपस्थित हुई और बोली, जी सर.
क्या सेवा कर सकती हूँ?
तोता
मुस्कुराया और बोला, कुछ नहीं, बस ऐसी-तैसी करा रहा हूँ.
एयर
होस्टेस को बुरा लगा मगर यात्री का सम्मान करते हुए वह वापस लौट गई. कुछ देर बाद
उस तोते ने फिर से स्विच दबाया. एयर होस्टेस आई, फिर वही सवाल किया. तोते ने भी
वही जवाब दिया, कुछ नहीं, बस ऐसी-तैसी करा रहा हूँ.
एयर
होस्टेस फिर वापस लौट गई.
तोते
को ऐसा करते देख बगल वाले एक ठरकी यात्री ने पूछा, ये क्या कर रहे हो?
तोता
बोला, बहुत मौज आती है. करके देखो.
अब
उस ठरकी यात्री ने स्विच दबाया. एयर होस्टेस आई और अपना सवाल दोहराया. अबकी यात्री
ने तोते वाला जवाब दिया, कुछ नहीं, बस ऐसी-तैसी करा रहा हूँ. एयर होस्टेस को बहुत
गुस्सा आया.
अब
वो तोता और ठरकी यात्री मिलकर ऐसा करने लगे. उन दोनों ने दो-तीन बार ऐसा फिर किया
तो एयर होस्टेस ने पायलट से शिकायत की. पायलट ने कहा, अगली बार दोनों ऐसा करें तो
जहाज के बाहर फेंक देना.
बस,
फिर क्या था. जैसे ही तोते और ठरकी ने स्विच दबाया. एयर होस्टेस के आने पर जवाब
दिया कि कुछ नहीं, बस ऐसी-तैसी करा रहे. एयर होस्टेस ने दोनों को बाहर फिंकवा
दिया.
अब
वे दोनों जहाज से बाहर आसमान में थे, बिना पैराशूट के. तोता बहुत जोर से हँसा और
बोला, क्यों प्यारे, उड़ लेते हो?
ठरकी
यात्री बोला, नहीं.
तोता
और तेज हँसा और बोला, फिर अन्दर काहे ऐसी-तैसी करा रहे थे?
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
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