05 मई 2011

तीन वर्ष पूरे -- अब कुछ सार्थक करना होगा


समय कितनी तेजी से गुजर जाता है, पता ही नहीं चलता है। अब देखिये कल दिनांक-4 मई को हमारे ब्लॉग को पूरे तीन वर्ष हो चुके हैं। उधर देश में ओसामा (दिग्विजय सिंह जी के शब्दों में ओसामा जी) के मारे जाने का जश्न मनाया जा रहा था इधर हम अपने परिवार में शामिल हुए नये सदस्य के आने का जश्न मनाने में लगे थे। इस जाने और आने के जश्न के बीच हमें इतना भी याद नहीं रहा कि हमारे ब्लॉग की तीसरी वर्षगाँठ सूनी-सूनी ही निकल गई।

चित्र गूगल छवियों से साभार

ब्लॉग बनाने के बाद के पहले दो वर्ष बहुत ही उत्साह में बीते और इस तीसरे वर्ष में पता नहीं कैसा मौसम आया कि इंटरनेट पर लेखन से तथा दूसरों के लेखन पर टिप्पणी करने से, दूसरों की टिप्पणी पाने से मन उचटने लगा। बहुत खोजबीन के बाद भी इसका कारण समझ में नहीं आया तो इस ओर से खोजबीन भी बन्द कर दी।

पिछले कुछ माहों से लगातार इस बात का प्रयास चल रहा है कि कुछ नया और सकारात्मक कार्य किया जाये इंटरनेट की इस आभासी दुनिया में। आभासी इस कारण से कि समझ में ही नहीं आता है कि जो आपके साथ है वह कितना साथ है और वह खुद ही साथ में है अथवा उसका बनाया हुआ कोई प्रतिरूप है। बहराहाल हमारे मन उचटने का विषय यह नहीं है कि इंटरनेट की इस दुनिया में क्या आभासी है और क्या वास्तविक असल कारण जो थोड़ा बहुत समझ में आया वो यह कि चाह कर भी हम अपने स्तर पर ऐसा कुछ नहीं कर सके जिसको सकारात्मक कहा जा सकता हो।

इधर यह भी महसूस हुआ कि इंटरनेट पर ब्लॉगिंग के माध्यम से समय को जाया करने का काम हमने कुछ ज्यादा ही किया और इस कारण से पुस्तकों से हमारा सम्बन्ध दूर का बनने लगा था। जबकि हमारा मानना है कि लेखन के लिए लिखने से ज्यादा महत्वपूर्ण है पाठन। पढ़ने की ओर ध्यान देने के कारण से ब्लॉगिंग की तरफ ज्यादा आना नहीं हो पा रहा है किन्तु अच्छी और सार्थक पोस्ट को पढ़ने के लिए हम भरपूर समय निकाल ही ले रहे हैं। (टिप्पणी ने दे पाने को अन्यथा लिया जाये)

अब कुछ नया किया जायेगा, इस सम्बन्ध में अपने भतीजे दीपकमशाल के साथ वार्ता चल रही है, जल्द ही सार्थक और सकारात्मक परिणाम आपके सामने होंगे। देश ने, अमेरिका ने, कूटनीतिज्ञों ने ओसामा को मार कर (हत्या कर) जश्न मनाने का मौका खोज लिया, हम भी अपने ब्लॉग के तीन वर्ष पूरे होने पर जश्न का इंतजाम करते हैं। यह हमारी 565 वींपोस्ट है, सोचा था कि तीन वर्ष की समाप्ति पर यह आँकड़ा 600 हो जाये किन्तु अपने मन के उचटने के कारण ऐसा नहीं हो सका। कोई बात नहीं, आज नहीं तो कल यह आँकड़ा 600 तो होगा ही, किन्तु अब पूरा ध्यान ब्लॉगिंग में, इंटरनेट पर कुछ सार्थक करने पर, सकारात्मक करने पर है।

विशेष--दो दिन बाद अपनी बिटिया अक्षयांशी का जन्मदिन मनाना है। वह भी 7 मई को पूरे तीन वर्ष की हो जायेगी।


6 टिप्‍पणियां:

  1. badhaai badhaai bnadhaai !

    aapko bhi

    aapke blog ko bhi

    aapki laadli bitiya ko bhi

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  2. तीन वर्ष पूरे होने की बहुत बहुत बधाई.

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  3. ब्लॉग के तीन साल पूरे होने पर बधाई चाचा जी साथ में अक्षयांशी गुड़िया के भी तीसरे जन्मदिन की पूर्व में बधाई..

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