31 अक्तूबर 2020

एकता के पर्याय सरदार पटेल

31 अक्टूबर न केवल देश के लिए बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती पर अपनी गुजरात यात्रा के समय स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी देखने का अवसर मिला. यह अवसर प्रतिमा के लोकार्पण से पहले ही मिल गया. हमारे द्वारा प्रतिमा के दर्शन करने के बाद ही इस दिन विश्व की सबके ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात के नर्मदा जिले में स्थापित सरदार बल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊँची प्रतिमा का लोकार्पण किया गया. ये गर्व की बात है कि जिन सरदार पटेल के प्रयासों से देश की आज़ादी के तुरंत बाद पाँच सौ से अधिक रियासतें देश में शामिल होने को तैयार हुईं, उनको आज तक पर्याप्त सम्मान न मिल सका.


वर्तमान केंद्र सरकार ने सरदार साहब की प्रतिमा के बारे में न केवल विचार किया वरन रिकॉर्ड समय में उसका निर्माण करवाकर देश की जनता को लोकार्पित भी करवा दिया. ये अपने आपमें इसलिए गौरव का विषय है कि इससे पहले सभी सरकारें सरदार पटेल के योगदान को याद करती रहीं मगर किसी ने आगे बढ़कर उनको सम्मानित करने का मन नहीं बनाया. वर्तमान केंद्र सरकार ने न केवल इस बारे में विचार किया बल्कि आमजन को इससे जोड़ा. यही कारण है कि इस प्रतिमा के निर्माण के लिए देश भर से लोहा एकत्र हुआ. स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी दीवार के लिए सभी राज्यों की मिट्टी एकत्र की गई. सरदार पटेल की प्रतिमा पर अर्पण करने के लिए देश भर की नदियों से जल एकत्र किया गया.


सरदार पटेल को उनका वास्तविक सम्मान बहुत पहले किया जाना था मगर कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हो सका. फिलहाल अब इस प्रतिमा के रूप में न केवल देश बल्कि सम्पूर्ण विश्व पटेल साहब के कार्यों को गौरवान्वित होकर देख-समझ सकेगा.


लेखक द्वारा खींचा गया चित्र 


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