11 अगस्त 2009

दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है....

एक पुराना गीत अकसर सुनाई देता है ‘‘मेरे दुश्मन तू मेरी दोस्ती को तरसे।’’ आज के हालात देखकर लगता है कि अब इसके बोल होने चाहिए ‘मेरे दोस्त तू मेरी दोस्ती को तरसे।’
हो सकता है कि आपमें से बहुतों को ये बुरा भी लग रहा होगा, विशेष रूप से उन्हें जिनके कुछ एक बहुत ही पक्के दोस्त आज भी हैं। उनको इस बात में सत्यता नजर आ रही होगी जिन्होने दोस्ती में अपनत्व महसूस नहीं किया होगा।
इसी माह हमने दोस्तों को समर्पित फ्रेंडशिप डे मनाया। हमेशा की तरह हम इस दिन से भी अलग रहे क्योंकि हमारा मानना है कि दोस्ती जाहिर करने का नहीं महसूस करने का नाम है। बिना जतलाये कुछ कर दिखाने का नाम है। बहरहाल, दोस्ती के लिए इस दिन लोगों को हाथ में रंगीन पटटे बाँधे देखा गया। गलबहिंयाँ करते देख गया। रेस्टोरेंट, पार्कों में डोलते देखा गया। रात को किसी बार में पीते और फिर थिरकते भी देखा गया। हो गया दोस्ती का सूत्रपात।
अब इतनी ही दोस्ती रह गई है। अन्त इस तरह की दोस्ती का होता है विश्वासघात पर। आजकल लगभग रोज ही देखने में आता है कि एक दोस्त ने दूसरे के साथ विश्वासघात कर दिया। एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की हत्या कर दी, अपहरण करवा दिया। कारण पता लगता है तो कभी कोई लड़की, तो कहीं कारण धन होता है।
अब लोग कहेंगे कि समाज है तो ऐसा ही होगा। ऐसा नहीं है, समाज में आज भी दोस्ती निभाने वाले हैं, दोस्त के लिए जान देने वाले हैं पर इनकी संख्या कम होती जा रही है।
दोस्ती के नात पर दगा करते लोगों को देखकर कई बार एहसास होता है कि शायद इन्होंने दोस्ती को पहचाना ही नहीं, दोस्त को जाना ही नहीं। काश! इन लोगों को भी कोई दोस्त मिलता तो कम से कम दोस्ती का नाम तो बदनाम नहीं होता।
इस तरह की खबरों के बाद एक और गीत याद आता है ‘‘दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है, उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है।’’

7 टिप्‍पणियां:

  1. दोस्त फिर भी बाकी हैं अभी...चलिये, चिन्तन के अनेक विषयों में एक ये भी.

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  2. शायद हमने तो सिर्फ दोस्ती ही कमाई है और कुछ कमाया नहीं..
    दोस्त है जो हमारे लिए जान दे दें और हम उनके लिए..
    फिर भी कमी तो हो ही गयी है ऐसी दोस्ती की

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  3. There are no permanent friends in this world,there are permanent interest only.Its a reality.

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  4. हालत इतने भी बुरे नहीं हैं...अच्छे दोस्त फिर भी मिल ही जाते हैं ...हम उन्हें पहचान पायें बस..!!

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  5. आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
    रचना गौड़ ‘भारती’

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