इधर भारतीय सरकार बलात्कारियों से निपटने में,
बलात्कार और महिला हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरने वालों
को सबक सिखाने में, तमाम सारे लोगों की बयानबाजियों पर तर्क-कुतर्क करने में,
अपने भ्रष्ट से भ्रष्टतम मंत्रियों,
सांसदों, विधायकों को बचाने में, क्रिकेट के द्वारा रिश्तों की कटुता को समाप्त करने में लगी
हुई है। ऐसा लग रहा है जैसे उसके पास देश की, समाज की, नागरिकों की कोई चिन्ता नहीं..इसी के साथ ऐसा भी लगा कि
सरकार को देश की सुरक्षा की भी चिन्ता नहीं। यह इस कारण समझ में आ रहा है कि वह
देश के अन्दर के दहशतगर्दों से तो निपटने में घनघोर रूप से नाकाम रही है इसके साथ
ही वह अपने चिरपरिचित दुश्मन पड़ोसी की चालों से निपटने में भी नाकाम रही है।
पाकिस्तान ने अपनी औकात दिखाते हुए सीमा पर हमला किया और अपनी कमीनी हरकत दिखा दी।
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लगातार मिलते समाचारों से ज्ञात हुआ कि पाकिस्तानी सेना ने
न सिर्फ हमला किया, न सिर्फ हमारे जवानों को मारा बल्कि निहायत घटिया हरकत
दिखाते हुए एक जवान का सिर काटकर ले गये। ऐसी घिनौनी हरकत की अपेक्षा पाकिस्तानी
सेना से ही की जा सकती है। यह इस कारण से और भी क्षोभकारी है कि एक ओर हमारी सरकार
बात-बात पर पाकिस्तान के प्रति अपना प्रेम दर्शाने में नहीं चूकती है;
भारत का दाना-पानी खाते तथाकथित बुद्धिजीवी जो पाकिस्तान से
दोस्ती बनाये रखने के लिए आये दिन मोमबत्तियां जलाकर खड़े हो जाते हैं;
हमारे तमाम सारे कथित धर्मनिरपेक्ष राजनेता तुष्टिकरण के
चलते सोते-जागते पाकिस्तान-पाकिस्तान का राग अलापते रहते हैं और वहीं दूसरी ओर
अपनी जात-औकात से, अपने जन्म से ही हरामखोरी दिखाने वाला पाकिस्तान खुलेआम हम
पर हमला करने से नहीं चूकता है।
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अभी कुछ दिनों पूर्व ही उनके आला मंत्री ने आकर अपनी
बदजुबानी दिखाई और उसका प्रत्युत्तर देने के बजाय हमारी सरकार चूड़ियां पहन कर बैठी
रही। उनकी इस सरकारी बदजुबानी और हमारी सरकारी नपुंसकता का ही दुष्परिणाम यह रहा
कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मौका ताक कर हमारे सैनिकों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कर
दिया। यह बात हमारे पूरे देश को, पाकिस्तान-प्रेम दर्शाते लोगों को और समूचे पाकिस्तान को भी
बहुत अच्छी तरह से पता है कि हमारी सेना ने एक बार अपनी ताकत का एक बहुत छोटा सा
प्रदर्शन कर दिया तो पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जायेगा। इतना मालूम होने के बाद
भी पाकिस्तान की ओर से, हमारी सरकार की ओर से, तथाकथित पाकिस्तान-प्रेम दर्शाते भारतीयों की ओर से भाईचारे
की,
दोस्ती की, रिश्तों को सुधारने की नौटंकी होती रहती है। अभी-अभी ही
हमारे देश ने रिश्तों को सुधारने के लिए उनके साथ ‘सुर-संग्राम’ सरीखा गायकी का राग आलापा था; हमारे और उनके रुपया पसंद क्रिकेट खिलाड़ियों ने क्रिकेट
खेलकर औपचारिकता का निर्वाह किया था, अब वे सब जाकर अपनी उस दोगले व्यवहार वाली पाकिस्तानी सरकार
को,
चिरकुट हरकतें करके हमारे सैनिकों को मौत बांटने वाली
पाकिस्तानी सेना को दोस्ती, रिश्ते, भाईचारे की सही-सही परिभाषा समझायें।
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अब कम से कम इस देश के लोगों को जागरूक होना होगा,
अति-जागरूक होना होगा और सरकार की,
तथाकथित पाकिस्तान पसंद बुद्धिजीवियों की,
मुस्लिम तुष्टिकरण वाले राजनेताओं की उन तमाम हरकतों का
विरोध करना होगा जो सिर्फ और सिर्फ अपनी-अपनी रोटियां सेंकने के लिए पाकिस्तान के
साथ सम्बन्ध मधुर बनाये रखने की वकालत करते रहते हैं। यदि हम ऐसा नहीं कर पाये तो
आये दिन हमें पाकिस्तान की ओर कभी संसद पर, कभी किसी शहर पर तो कभी सीमा पर ऐसे हमलों को सहना पड़ेगा और
हमारे अनेक परिवारों को आंसू बहाने पड़ेंगे।
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अब पाकिस्तान का और पाकिस्तान-प्रेम दिखाने वालों का मुंह तोड़ने का वक़्त आ गया
है - जयहिन्द
donon taraf kii sarkaaren apni raajneetik rotiyan senk rahi hain,
जवाब देंहटाएंmunh main raam bagal main chhuri hai pakistaan
तस्मात् युध्यस्व भारत - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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