कम्प्यूटर से परिचय
होने के क्रम में ही इंटरनेट से भी परिचय हुआ था. कम्प्यूटर से परिचय बहुत पहले हो
चूका था किन्तु इंटरनेट से मित्रता होने में समय लगा. वर्ष 2008 में घर पर इंटरनेट
नेटवर्क के आने के बाद उससे मित्रता बढ़ी. दोनों से बहुत देर बाद मुलाकात हुई मगर उस
मुलाकात ने भी प्रोत्साहित किया. लेखन को वैश्विक आयाम देने का विचार मन में आने लगा.
काफी जद्दोजहद के बाद अंततः ‘मुफ्त का चन्दन, घिस मेरे नंदन’ को चरितार्थ किया. एक ब्लॉग बनाने की
मंशा को पूरा करने के चक्कर में कई सारे ब्लॉग बना गए मगर हर तरफ से जाँच-परख कर,
जानकारी लेने-देने के बाद एक ब्लॉग पर
जुट गए. वर्ष 2008 में अप्रैल के अंतिम दिनों में ब्लॉग बनाये जाने की कवायद शुरू
हुई थी. घबराहट ऐसी थी ब्लॉग बनाये जाने के बाद भी उसी दिन कुछ भी पोस्ट नहीं किया
था. दो-तीन दिन निकल जाने के बाद चार मई को पहली पोस्ट इसी ब्लॉग पर लिखी गई.
ब्लॉगिंग की सत्रह
वर्षीय यात्रा पूरी होने पर पीछे पलट कर देखते हैं तो अपनी ब्लॉग लेखन की यात्रा में
अनेक ब्लॉग अलग-अलग विषयों पर बनाये जाते रहे. अनेक सामूहिक ब्लॉग से जुड़ना होता रहा.
अनेक वेबसाइट पर लिखना हुआ. बहुत से दोस्तों के, परिचितों के, अपरिचितों के ब्लॉग बनाये, बनवाए जाते रहे. ब्लॉग की लोकप्रियता के दौर में बहुत
से मित्रों से संपर्क हुआ. अनेक मित्रों से घनिष्ठ सम्बन्ध बने. वैचारिक आदान-प्रदान
होता रहा. मिलना जुलना होता रहा. लग रहा था जैसे कि ब्लॉग संसार ने एक अलग तरह की ही
दुनिया का निर्माण कर दिया है. ब्लॉग संसार के मित्रों की तरफ से सुझाव दिए गए ब्लॉग
के द्वारा धनोपार्जन की. इस तरफ प्रयास किया गया मगर मन न लगा क्योंकि तकनीकी रूप से
जितनी साक्षरता उसके लिए चाहिए थी, उतनी हममें दिखाई न दी. सच तो ये है कि तकनीकी से निकटता बनाये रखने के बाद भी
इस मामले में हम अशिक्षित ही रह गए. बहरहाल, लेखन में एक लम्बा समय व्यतीत करने के बाद भी साहित्यिक
क्षेत्र में, लेखन के क्षेत्र में
किसी तरह की स्थापना न होने का एहसास होता है.
लेखन क्षेत्र में
यह भी एक तरह की मजदूरी सी है. श्रम किये जा रहे हैं और उसका क्या परिणाम निकलेगा
इसे उस लेखन का उपयोग करने वालों पर छोड़ दिया है. इन सत्रह वर्षों की यात्रा में
हजारों पोस्ट लिखी गईं. इसी ब्लॉग पर 2500 से अधिक पोस्ट हो गईं हैं. अभी संख्याबल
की तरफ ध्यान जाते ही गौर किया तो जानकारी हुई कि अभी कुछ दिन पहले ही इस ब्लॉग पर
हमने अपनी 2500वीं पोस्ट लिखी थी.
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