आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए लोगों ने अपने
शरीर की परवाह किये बिना धनोपार्जन की परवाह करना शुरू कर दिया. वैश्वीकरण के दौर
ने इस काम में उत्प्रेरक का काम किया है. अब लोगों को अपने स्वास्थ्य, घर-परिवार से ज्यादा चिंता अपने धन की रहती है,
अपनी आर्थिक स्थिति की रहती है. इस कारण से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है.
अव्यवस्थित दिनचर्या, अनावश्यक तनाव, अशुद्ध
खाना-पीना, प्रदूषण आदि के कारण इंसानों में अत्यधिक
बीमारियाँ देखने को मिल रही हैं. इनमें भी सर्वाधिक मरीज हृदय रोग के मिल रहे हैं.
इसमें भी सबसे बुरी बात ये है कि युवा वर्ग के लोग बहुतायत में ह्रदय रोग के बीमार
हो रहे हैं.
पूरे विश्व में हृदय के प्रति जागरूकता लाने और रोग की समस्याओं से बचने के लिए प्रतिवर्ष 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने की शुरूआत सन 2000 में की गई थी. आरम्भ में इसे प्रतिवर्ष सितम्बर माह के अंतिम रविवार को मनाया गया किन्तु सन 2014 में इसके लिए 29 सितम्बर की तिथि को निर्धारित कर दिया गया.
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय
सहायक सिद्ध हो सकते हैं -
प्रतिदिन व्यायाम के लिए समय निकालें. इसमें
भी सुबह, शाम पैदल चलना अथवा सैर करना बेहतर है.
भोजन के द्वारा भी हृदय रोग की समस्या पर
बहुत हद तक नियंत्रण लगाया जा सकता है. इसके लिए भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम
कर की जा सकती है. इसके साथ-साथ ताजे, मौसमी फल और सब्जियों को भोजन में नियमित
रूप से लेना चाहिए.
धूम्रपान नहीं करना चाहिए. यह हृदय के साथ ही
कई बीमारियों का कारक है.
इसके अलावा हृदय को तंदुरुस्त रखने के लिए
नींद का भरपूर लिया जाना सर्वोत्तम उपाय है.
रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी। आज के वक्त में जब जवान लोगों को भी हृदयाघात हो रहा है ऐसे में इन उपायों का किया जाना बहुत जरूरी हो गया है।
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