29 जून 2021

यादों को सहेजने वाला साथी है कैमरा

अपनी यादों को हमेशा के लिए यादगार बनाने का बेहतरीन माध्यम कैमरा है. किसी समय में कैमरा में रील डाले जाने के कारण फोटोग्राफी बहुत महँगा शौक हुआ करता था तब बहुत कम लोग कैमरा का उपयोग किया करते थे. आज मोबाइल में कैमरा होने के कारण फोटोग्राफी या कैमरा अब समाज की जीवनशैली का मुख्य भाग हो गया है. कैमरा केवल फोटो खींचने का काम नहीं करता है बल्कि उसके माध्यम से फोटोग्राफर के कौशल को, उसकी बुद्धिमत्ता को, उसके दृष्टिकोण, उसकी कल्पनाशीलता आदि को भी परखा जा सकता है. इस पोस्ट के द्वारा कैमरा के बारे में चर्चा करने का कारण ये है कि आज, 29 जून को कैमरा दिवस मनाया जाता है.


ऐसा माना जाता है कि कैमरे का आविष्कार एक अरब विद्वान इब्न अल-हेथम द्वारा किया गया. उन्होंने इसे कैमरा ऑब्स्कुरा नाम से पुकारा. इसके माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया कि कैसे एक सपाट सतह पर किसी दृश्य को प्रोजेक्ट करने के लिए प्रकाश का उपयोग किस तरह किया जाए. कैमरा के द्वारा एक तस्वीर को संरक्षित करने का काम एक तकनीक की सहायता से किया जाता है. इसे हेलियोग्राफ़ कहा जाता है. इसका आविष्कार पहली बार वर्ष 1816 में फ़्रांस के जोसेफ नाइसफोर नीप्स द्वारा किया गया जो वर्ष 1825 में दुनिया की पहचान बना.  इन आविष्कारों के बाद भी कैमरे का वास्तविक आविष्कारक वर्ष 1829 में अलेक्जेंडर वोल्कोट को माना जाता है. इनके द्वारा बनाये गए कैमरा से ऐसी तस्वीरें सामने आईं जो आसानी से फीकी नहीं पड़तीं.


हमारे पुराने साथी 


इस दिन वे साथी याद आ रहे हैं जिन्होंने क्लिक करने के हमारे शौक को बड़ी गंभीरता से निभाने में अपना पूरा साथ दिया. रील वाला कैमरा हमने बचपन से ही देखा और चलाया है. बाद में मामा जी की तरफ से कक्षा आठ या नौ में गिफ्ट मिला था क्लिक III कैमरा. सादा फोटो की दुनिया से बाहर निकलने पर रंगीन फोटो वाले कई कैमरे उपयोग किये. 110 वाला कैमरा भी, जिसमें एकदम पतली रील पड़ती थी और याशिका के कई कैमरे. डिजिटल कैमरों का युग चाहे जब शुरू हुआ हो मगर हमने पहला डिजिटल कैमरा लिया था वर्ष 2009 में, मुंबई यात्रा के समय. उसके बाद तीन डिजिटल कैमरे और लिए गए. अंतिम रूप से वर्ष 2017 में निकोन का DSLR लिया गया.


इसके साथ-साथ मोबाइल भी अब तुरत-फुरत में कैमरा की भूमिका निभाता है. हमेशा हमारे साथ अथवा शायद किसी के साथ भी कैमरा नहीं रहता होगा, ऐसे में मोबाइल ही सच्चा कैमरा बनकर सामने आता है. ये स्वीकारने में कोई गुरेज नहीं कि आकस्मिक रूप से मोबाइल भी फोटोग्राफी में भरपूर साथ दे देता है हमारा.


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