18 दिसंबर 2019

आतंकियों के नए हथियारों से सचेत रहने की आवश्यकता

ये  आवश्यक नहीं कि आप अथवा आपका शहर आतंकिओं के निशाने पर हो और वहाँ किसी तरह का बम धमाका हो, किसी तरह की गोलीबारी हो. बिना इसके भी आतंकी अथवा उनके स्लीपर सेल अपना काम करने के लिए नए-नए रास्ते तलाशने लगे हैं. इसे किसी तरह का आकलन अथवा अनुमान मान कर अनदेखा करने की आवश्यकता नहीं है. आतंकियों द्वारा अब ऐसा किया जा रहा है. अभी हाल ही में वाराणसी से संचालित विशाल भारत संस्थान प्रमुख और अनाज बैंक के संस्थापक डॉ० राजीव श्रीवास्तव इसी तरह के एक हमले में घायल हो गए हैं. राजीव श्रीवास्तव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केन्द्रीय पदाधिकारी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख इन्द्रेश कुमार जी के शिष्य होने के साथ-साथ अत्यंत नजदीकी हैं. ऐसे में ज़ाहिर सी बात है कि प्रशासन की तरफ से मुख्य रूप से समूचे घटनाक्रम का संज्ञान लिया गया. 


जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि एक एक निजी कार्यक्रम से वापस आते समय राजीव श्रीवास्तव की बाइक में एक जीप द्वारा टक्कर मारी गई. अपने आपमें सजग और चैतन्य रहने वाले राजीव जी इस टक्कर पर संभल गए मगर उन्हें किसी आतंकी हमले का अंदेशा नहीं था. वे इसे महज एक सड़क की सामान्य घटना समझ अपने गंतव्य के लिए चलते रहे. इसी बीच उसी जीप ने एक बार फिर उनको टक्कर मार दी. इस बार टक्कर कुछ तेज रही और किसी अनहोनी से परे राजीव जी बजाय संभल पाने के दुर्घटना का शिकार हो गए. उन पर हुए इस हमले में उनकी जान तो बच गई मगर उनका दाहिना पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया.


राजीव जी पर हुए हमले के बाद जब प्रशासन सक्रिय हुआ तो कुछ पुरानी दुर्घटनाओं का तारतम्य बैठाने का प्रयास किया गया. कुछ दिनों पूर्व संघ के मोहन भागवत जी की कार भी एक ट्रक दुर्घटना का शिकार हुई थी. इसी तरह से कुछ संघ पदाधिकारी भी आये दिन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार बन रहे हैं. प्रशासन की गुप्त सूचनाओं और जानकारियों से ऐसा मालूम हुआ है कि मजबूर मुस्लिम बच्चों की परवरिश करने के साथ-साथ तीन तलाक मुद्दे, धारा 370, राम जन्मभूमि मंदिर, नागरिकता संशोधन, जनसँख्या कानून आदि पर सक्रिय रूप से कार्य करने के कारण राजीव श्रीवास्तव विगत काफी समय से कट्टरपंथियों के निशाने पर थे. उनके पहले उनके संस्थान की एक मुस्लिम महिला सदस्य को भी काफी लम्बे समय से मुस्लिम कट्टरपंथियों की धमकियाँ मिलती रही हैं. इन सबसे बिना भयभीत हुए राजीव जी और उनके सभी सदस्य लगातार मुस्लिम हितों के लिए कार्य करते आ रहे हैं.

अब जबकि इस मामले में स्पष्ट हो चुका है कि आतंकियों द्वारा इस तरह की दुर्घटनाओं को अपना हथियार बना लिया गया है जहाँ न किसी तरह का धमाका होना है, न किसी तरह की गोलीबारी. ऐसी दुर्घटनाओं को शासन-प्रशासन द्वारा भी महज सड़क दुर्घटना मान कर लगभग भुला दिया जाता है. चूँकि राजीव श्रीवास्तव का मामला कहीं न कहीं हाई प्रोफाइल मामला बन गया और उसकी जांच के बाद से इस तरह के संकेत भी मिल गए. ऐसे में सभी नागरिकों को सजग, सचेत रहने की आवश्यकता है. किसी भी दुर्घटना अथवा अन्य तरीके की ऐसी घटनाओं को महज संयोग समझकर विस्मृत करने की आवश्यकता नहीं है. सभी जिम्मेवार नागरिकों को सजग रहने की जरूरत है और प्रशासन का सहयोग करने की आवश्यकता है. एक-एक व्यक्ति के जागने से ही आतंकियों के हौसलों को तोड़ा जा सकता है.


++
डॉ० कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
मीडिया प्रभारी/प्रवक्ता - विशाल भारत संस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें