आज
15 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जा रहा है. इसका मुख्य लक्ष्य चाय बागान
से लेकर चाय की कंपनियों तक में काम करने वाले श्रमिकों की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित
करना है. वर्ष 2004 में मुंबई में व्यापार संघों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की बैठक
हुई. उसमें अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का फैसला किया गया. भारत में इसकी शुरुआत
वर्ष 2005 से की गई. एक साल बाद यह श्रीलंका में मनाया गया और वहाँ से यह आयोजन विश्वभर
में फैल गया. पहली बार अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 15 दिसंबर 2005 को मनाया गया था. अंतर्राष्ट्रीय
चाय दिवस मनाने का उद्देश्य चाय उत्पादकों और चाय मजदूरों की स्थिति बेहतर बनाने के
लिए कोशिश करना रहा है. चाय के द्वारा उसके उत्पादक देशों को भले ही ढेर सारा लाभ मिलता
हो मगर उन देशों के चाय बागानों के मजदूरों की हालत बहुत खराब होती है. उनको न तो उचित
वेतन मिलता है और न ही काम करने की स्थिति भी अच्छी होती हैं. इन्हीं सबको ध्यान में
रखते हुए सबसे पहले भारत ने इस दिवस के बहाने चाय मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा का
आरम्भ किया. इसलिए अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर चाय मजदूरों की काम की स्थिति,
मजदूरों के अधिकार, दिहाड़ी, सामाजिक सुरक्षा, रोजगार सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर
चर्चा को भी प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा इस दिन को चाय पीने के शौक़ीन एक जश्न
के रूप में भी मनाते हैं.
चाय
के बारे में कहा जाता है कि सबसे पहले सन 1815 में कुछ अंग्रेज यात्रियों का ध्यान
असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया. इन झाड़ियों से स्थानीय कबाइली लोग एक पेय
बनाकर पीते थे. जिसका स्वाद अंग्रेजों को बेहतर समझ आया और चाय के रूप में इसकी खोज
बताई गई. भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने 1834 में चाय की परंपरा भारत
में शुरू करने और उसका उत्पादन की संभावना तलाशने के लिए एक समिति का गठन किया. इसके
बाद 1835 में असम में चाय के बाग़ लगाए गए. इसी के बाद से भारत में सन 1835 से चाय
पीने की शुरुआत मानी जाती है.
वर्ष
2019 अंतिम वर्ष है जबकि अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का आयोजन 15 दिसम्बर को किया जा रहा
है. आगे से यह दिवस अब 21 मई को मनाया जाएगा. ऐसा भारत की सिफारिश पर किया जा रहा है.
दरअसल अधिकतर चाय उत्पादक देश में गुणवत्तापूर्ण चाय का उत्पादन मई से ही शुरू होता
है. ऐसे में भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र संघ को सुझाव दिया गया, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्वीकार कर लिया गया. एक रिपोर्ट के अनुसार
समूचे विश्व में पानी के बाद सर्वाधिक उपयोग में आने वाला पेय पदार्थ चाय ही है. चाय
के उत्पादन में लगे लोगों की समस्याओं का निराकरण हो. चाय पीने के शौकीनों को उनके
मन की चाय अधिक से अधिक मिलती रहे. इसके अलावा जिनकी भी शादी का ख्याल कहीं उठा हो
तो वहाँ से आवाज़ आती रहे कि इसीलिए मम्मी ने मेरी तुम्हें चाय पे बुलाया है.
तो फिर चाय पर चर्चा करिए और आगे से इस दिवस का आनंद लीजियेगा मई में.
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