10 दिसंबर 2019

प्रबल आत्मविश्वास ने ज़िन्दगी को जीना सिखलाया

किसी भी व्यक्ति के विकास में उसके आत्मविश्वास का बहुत बड़ा योगदान होता है. इस बात को न केवल कहा जाता रहा है बल्कि बहुत से व्यक्तियों ने इसे अमल में लाकर इसे सच भी साबित किया है. विश्वास से ओतप्रोत व्यक्ति के चेहरे की आभा, उसके बातचीत का तरीका, कार्य करने का ढंग सबसे अलग ही नजर आता है. उसका सबसे अलग अंदाज ही उसे सबका प्रिय भी बनाता है और जीवन में सतत सफलता की राह पर भी ले जाता है. विश्वास, आत्मविश्वास को बनाये रखना किसी और के हाथ में नहीं वरन उसी सम्बंधित व्यक्ति के हाथ में होता है. उसकी खुद की सोच, उसकी खुद की मनोदशा, उसकी खुद की प्रकृति निर्धारित करती है कि उसके विश्वास का बिंदु किस ऊँचाई तक जा सकता है.


अपने जीवन में अनेक व्यक्तियों से मिलना हुआ, जिनमें विश्वास का चरम देखने को मिला. बहुत से लोग ऐसे मिले जो सहज रूप में अपनी जीवन-शैली का निर्वहन करते आ रहे हैं. ऐसे लोगों के जीवन में भले ही सुविधाओं की अतिशयता न रही हो मगर उनके सामने समस्याओं का, मजबूरी का, किसी कमी का होना भी नहीं रहा है. ऐसे लोग बिना किसी परेशानी के, स्वयं ही अत्यंत सहजता से अपने विश्वास के द्वारा अपनी सफलता की राह निर्मित करते मिले. इसके साथ-साथ ऐसे लोगों से भी मिलना होता रहा जिनके जीवन में अभाव बुरी तरह से रहे. ऐसे लोगों से भी मिलना हुआ जिनके लिए किसी तरह की सशक्त, समृद्ध पारिवारिक पृष्ठभूमि उपलब्ध नहीं रही. बहुत से ऐसे लोग मिले जिन्होंने अपने जीवन का बहुत बड़ा समय समस्याओं को हल करने में, अपनी परेशानियों को हल करने में ही लगाया. बहुत से ऐसे व्यक्तियों से भी परिचय होता रहा जिनकी शारीरिक स्थिति सामान्य व्यक्तियों की तरह से नहीं रही. ऐसे सभी लोगों के पास भले ही संसाधनों का अभाव रहा हो, भले ही पारिवारिक समृद्धि उनके लिए रास्तों का निर्माण नहीं कर सकी हो, भले ही उनकी शारीरिक स्थिति ने उन्हें समाज में सामान्य व्यक्ति की तरह से अनेक क्रियाकलापों से दूर कर रखा हो मगर ऐसे लोगों ने अपने विश्वास के बलबूते, आत्मबल के सहारे खुद को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थापित किया है.

आत्मविश्वास से लबरेज एक ऐसे व्यक्ति से आज लगभग दो दशक पुरानी दुर्घटना की याद के सहारे मिलना हुआ. उस समय अपने करीबी, बड़े भाई सरीखे अभिन्न मित्र के परिजन का एक ट्रेन दुर्घटना में अत्यंत गंभीर रूप से घायल होने का समाचार मिला. युवावस्था में कदम रखने के दौरान, जबकि आँखों में भावी जीवन के सपने बनने शुरू ही हुए होंगे, तकनीकी शिक्षा का आरम्भ अभी हुआ ही था लगा जैसे उसके सपने बिखर गए हैं. लगा जैसे कि जीवन आरम्भ होने के पहले ही किसी स्पीड ब्रेकर पर थमने सा लगा है. समय गुजरता रहा. उस होनहार युवक के बारे में लगातार जानकारियाँ मिलती रहीं. उसके द्वारा आत्मविश्वास के लगातार सहारे उन्नति के रास्ते पर बढ़ने के समाचार मिलते रहे. इन सबके बाद भी कभी मिलने का अवसर नहीं मिल सका. न मिलने के बाद भी महसूस होता रहा कि अपनी युवावस्था में दुर्घटना के द्वारा देह के स्तर से उपजी अक्षमता को उस होनहार, प्रसन्नचित्त, आत्मविश्वासी युवक ने जैसे हरा दिया है. अब जबकि उससे मिलना हुआ तो उसे वैसा ही पाया जैसा कि हम महसूस करते थे. आज पहली बार मिलना हुआ, उस युवक से. ढेर सारी बातें हुईं. पुरानी बातों को याद न करते हुए वर्तमान पर ही चर्चा हुई. हँसी-ख़ुशी के माहौल में उसका हँसमुख व्यवहार, विश्वास से दमकता चेहरा, मिलनसार व्यक्तित्व निश्चित रूप से उस निकटता को और बढ़ा गया, जो निकटता लगभग दो दशक पहले उसकी दुर्घटना की खबर सुनने के बाद बनी थी. निश्चित ही ऐसे युवक समाज में ऐसे लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, जो सभी तरह से सक्षम होने के बाद भी अपनी असफलताओं का रोना रोते रहते हैं. खुद को समाज की मुख्यधारा से अपने कमजोर विश्वास के हाथों हाशिये पर लगाये रहते हैं.

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चित्र परिचय –
काले सूट में गीत, जो लगभग दो दशक पहले एक ट्रेन दुर्घटना में अपने दोनों पैर और बायाँ हाथ खो चुके हैं. उस समय वह इंजीनियरिंग के छात्र थे. अपनी शिक्षा को उसके बाद भी उन्होंने पूरा किया. इस स्थिति में भी अपने विश्वास को, आत्मबल को उन्होंने कमजोर न पड़ने दिया. शिक्षा पूरी करने के बाद वे वर्तमान में स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड, SAIL में कार्यरत हैं.
आप जनपद जालौन के प्रसिद्द रंगकर्मी, फिल्मकार प्रभात तिवारी (कुरते में बैठे हुए) के भांजे हैं.

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत-बहुत धन्यवाद सेंगर जी!आपकी लेखनी ने मुझे और अधिक ऊर्जा एवं उत्साह से भर दिया है। ईश्वर की अनुकंपा और स्नेहीजनों का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे। बस यही प्रार्थना है।

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  2. गीत की कथा निश्चय ही प्रेरणा दायी है अंतथास्टम विश्वास ही आदमी की जीत की कुंजी भी बेहद दुर्लभ और सच्चे इंसान की कहानी है ये
    आपने सुंदर लिखा भी

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  3. गीत की कथा निश्चय ही प्रेरणा दायी है अंतथास्टम विश्वास ही आदमी की जीत की कुंजी भी बेहद दुर्लभ और सच्चे इंसान की कहानी है ये
    आपने सुंदर लिखा भी

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