कल रात को टी0वी0 पर समाचार देखते समय एक समाचार निगाह के सामने से गुजरा कि चीन में बर्फबारी हो रही है। समाचार के हिसाब से कोई विशेष बात तो नहीं थी किन्तु प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही विशेष बात लगी।
ज्ञात हुआ कि चीन ने कृत्रिम बारिश करवाने के लिए बादलों का निर्माण किया था। किसी केमिकल की अधिकता (मुन्ना भाई के शब्दों में केमिकल लोचा) के कारण बारिश तो नहीं हुई, बर्फबारी जरूर होने लगी।
अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बर्फबारी से सूखा पड़ने की सम्भावना है। इसके साथ ही तापमान के शून्य से भी तीन से चार डिग्री तक नीचे जाने की सम्भाना है।
इसे कहते हैं प्रकृति पर विजय प्राप्त करने का दुष्परिणाम। धरती को संकट में डालकर मंगल और चन्द्रमा पर अपना अस्तित्व तलाशने की मारामारी करते मानव को अब भी शायद कुछ समझ न आयेगा?
चलो एक प्लाट हम भी चन्द्रमा पर खरीद ही डालें। आखिर धरती ऐसे ही मनुष्यों के कारण किसी दिन समाप्त हो जानी है।
अभी तो एक ही बात याद आ रही है कि यदि किसी काम में सफल हो गये तो मनुष्य की ताकत, मनुष्य की बुद्धि काम आ गई और यदि असफल हो गये तो भगवान को मंजूर नहीं था, प्रकृति ने साथ नहीं दिया। (बिलकुल भारतीय क्रिकेट टीम की तरह) वाह भई वाह!
03 नवंबर 2009
प्रकृति पर विजय करने की चाह में
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aap jab bhi aate hain dhoom machaate hue hi mate hain ..........maine aaj tak aisi koi post nahin dekhi aapki jo nirarthak ho..
जवाब देंहटाएंyou are so great !
jai hind !
samandar ki tah me hain ret bhi aur moti bhi
जवाब देंहटाएंsoch kar dubki lagaani chaahiye..
एक प्लाट हम भी चन्द्रमा पर खरीद ही डालें- अपने पड़ोस वाला हमारे लिए बुक कर देना भाई..अच्छा पड़ोसी कहाँ मिलता है आजकल!! :)
जवाब देंहटाएंक्रमिक विकास प्रकृति की भी प्रकृति है .. पर बिना सोंचे समझे अंधाधुध विकास .. परिणाम तो हमें भुगतना ही होगा !!
जवाब देंहटाएंGoogle Ki Khoj Kisne Ki
जवाब देंहटाएंGoogle in Hindi
Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya
Proton Ki Khoj Kisne Ki
Lotus in Hindi