08 जुलाई 2025

इसे दोस्ती नहीं कहते यारो!

फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स, इस आधुनिक शब्दावली से आप परिचित हैं? संभवतः नहीं ही होंगे किन्तु युवा वर्ग इससे अवश्य ही परिचित होगा. दरअसल विगत वर्षों में समाज ने जिस तेजी से विकास किया है, नवीनतम तकनीकी को अपनाया है उसी तेजी से उसने आधुनिक जीवनशैली को अपनाया है, उनके परिदृश्य में अपना विकास किया है. इस विकास को अपनाने में सर्वाधिक सक्रियता युवाओं ने, विशेष रूप से विषमलिंगी युवा जोड़ों ने दिखाई है. जिसके चलते समाज की प्रचलित, बंधी-बंधाई सी परिभाषाओं, शब्दावलियों से अलग इस तरह की नवीन अवधारणाओं जन्म होता रहता है. इस तरह की नवीन जीवनशैली ने, नवीन रिश्तों ने तमाम सारे सामाजिक, पारिवारिक बंधनों को, मान्यताओं को नकारते हुए अपनी ही मान्यताएँ, अपने ही जीवन-मूल्य स्थापित किये हैं.

 

इन नवीन परिभाषाओं, मान्यताओं ने न केवल ज़िन्दगी जीने का अंदाज़ बदला है बल्कि रिश्तों का, संबंधों का स्वरूप भी परिवर्तित किया है. इस तरह की मान्यताओं को संस्कृति, सभ्यता, जीवन-मूल्य आदि के सापेक्ष देखने के स्थान पर तात्कालिक आवश्यकता, क्षणिक सामाजिक अवधारणा के रूप में देखा जाना चाहिए. फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स में दोस्ती का सन्दर्भ दो विषमलिंगियों के आपस में मिलने से है. यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें दो विषमलिंगी बिना किसी प्रतिबद्धता के, शारीरिक रूप से अंतरंग होते हैं. यहाँ आपसी सम्बन्ध का नाम दोस्ती होता है मगर यह दोस्ती उस रूप में नहीं होती जो प्रतिबद्धता की बात करे. एक-दूसरे के प्रति समर्पण, विश्वास का भाव रखे. इस हाथ दे, उस हाथ ले वाली बात यहाँ लागू होती है और यहीं से आरम्भ होती है बेनिफिट्स वाली अवधारणा. यहाँ रिश्तों की बुनियाद आपसी शर्तों के आधार पर काम करती है जहाँ भावनाओं का कोई मोल नहीं. वर्तमान आर्थिक, भोगवादी मानसिकता में जहाँ अकेलापन हैकाम का असीमित बोझ हैकार्य-स्वरूप में अनियमितता है वहाँ इस तरह के सम्बन्ध बड़ी ही आसानी से बनते देखे जाते हैं. सहजता से कुछ भी कहीं भी मिल जाने की स्थिति ने इस प्रकार के रिश्तों को और भी तवज्जो दी है. किसी के सामने कोई जिम्मेदारी वाला भाव नहीं. माँग और आपूर्ति का सिद्धान्त यहाँ पूरी तरह से लागू होता है.

 



ऐसे रिश्तों की गहराई में जाकर देखना होगा कि हम जिस समाज की कल्पना कर रहे हैं वह किस प्रकार के रिश्तों से बनता हैयह सार्वभौम सत्य है कि आज के युग में परिवारों के टूटने का चलन तेजी से बढ़ा है. लड़के और लड़कियों में कार्य करने कीघर से बाहर रह कर कैरियर बनाने की मानसिकता में अन्य जरूरतों के साथ-साथ शरीर ने भी अपनी जरूरत के अनुसार रिश्तों को स्वीकारना सीखा है. फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स को वह युवा वर्ग, जिसकी ये जरूरत है स्वीकार चुका है क्योंकि समाज का यह वर्ग आज प्रत्येक कार्य के ऊपर सेक्स को महत्व दे रहा है. इनकी स्वच्छंद सोच पर उनके अभिभावकों का नियंत्रणसमाज का नियंत्रण दकियानूसी समझा जाने लगा है. जल्द से जल्द अपने आपको सफलता के मुकाम पर ले जानेआधुनिकता के नाम पर कुछ भी करने को स्वतंत्रता मान लेने की मानसिकता ने युवाओं को एक प्रकार की अंधी दौड़ में शामिल करवा दिया है. इस दौड़ में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पैकेजवैश्वीकरण की रंगीन मानसिकताबाँहों में विपरीतलिंगी साथी, सड़क पर बेतहाशा दौड़ते वाहनधन का अंधाधुंध दुरुपयोग आदि उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं.

 

युवा वर्ग जिसे समूचा विश्व मुट्ठी में बंद दिखता हैएक क्लिक पर समूची दुनिया उन्हें अपने सामने खड़ी दिखाई पड़ती हैऐसे में वह अपने को किसी से भी कमतर नहीं समझता है. इसमें युवा कहाँ जाकर स्वयं को नियंत्रित करेगा; आर्थिक प्राथमिकता के दौर में नैतिक पतन को कौन सँभालेगा, कहा नहीं जा सकता. आज का युवा पूरी तरह से स्वतंत्रता पाने को लालायित है. अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति, भले ही किसी भी तरह से हो, करने के लिए उत्साहित है. स्वतंत्रता के नाम पर, अभिव्यक्ति के नाम पर उच्छृंखलता, उन्मुक्तता को ज़िन्दगी का मूल समझ कर युवा कभी वन नाईट स्टैंड की, कभी लिव-इन रिलेशन की, कभी लिविंग टुगेदर की, कभी फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स की मरीचिका में भटकता रहता है. यहाँ इस तरह के संबंधों को, ऐसी दोस्ती को महत्त्व देने वाले युवा जोड़ों को संबंधों की, रिश्तों की भावना को समझना होगा. ऐसे सम्बन्ध क्षणिक संतुष्टि देते भले प्रतीत हों मगर अपनत्व के अभाव में इनके पार्श्व में संतुष्टि नहीं होती है, गम्भीरता नहीं होती है.

 

ऐसे रिश्ते को प्राथमिकता देने वाले युवा जोड़ों को दोस्ती का, दोस्त का, शारीरिक सम्बन्धों का अर्थ और सन्दर्भ समझना होगा. यदि दो विषमलिंगी दोस्ती करना चाहते हैं तो उसके लिए आवश्यक है कि वे इस तरह के रिश्ते को पूरी गरिमा के साथ समझें. दोस्ती का तात्पर्य उन दोनों लोगों के लिए क्या है, इस समझ और स्वीकृति के साथ रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए. दो विषमलिंगी मित्रों को यह समझना होगा दोस्तों के बीच अंतरंगता का अर्थ सिर्फ शारीरिक संबंध ही नहीं हैं. मित्र की इच्छाओं, उसकी आवश्यकताओं को जानना-पहचानना भी महत्वपूर्ण है और इसके लिए खुला संवाद, भावनात्मक समर्थन, निस्वार्थ सहयोग प्रदान करना भी एक तरह की अंतरंगता है. दोस्ती, प्यार, शारीरिक सम्बन्ध आदि के मायने समझते हुए दोस्ती को, दोस्त को फ़िल्मी फूहड़पन से बचाए जाने की आवश्यकता है. दोस्ती को लाभ के लिए न करें, दोस्त लाभ के लिए न बनाएँ अर्थात दोस्ती में स्वार्थ या व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. यह एक अनमोल रिश्ता है जो बिना किसी शर्त के विश्वास, प्यार और सहयोग पर आधारित होना चाहिए. ध्यान रखें, दोस्त मुश्किल समय में साथ देने वाले होते हैं. प्रोत्साहित करने वाले, बेहतर इंसान बनाने वाले होते हैं. फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स कुछ भी हो सकते हों मगर फ्रेंड नहीं हो सकते.


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