अहमदाबाद हवाई जहाज
दुर्घटना के अंतिम कुछ सेकेण्ड के फोटो, वीडियो....
इस तरह की बहुत सी
पोस्ट दिखाई देने लगी हैं. सोशल मीडिया में हवाई जहाज दुर्घटना के बाद से एकदम से
फोटो और वीडियो की बाद सी आ गई. अपनी-अपनी पोस्ट पर लाइक, शेयर, कमेंट
बटोरने के चक्कर में भावनात्मकता, संवेदना को दरकिनार करते
हुए फोटो और वीडियो अपलोड करने में लगे हुए हैं. लाइक, शेयर, कमेंट करने वाले भी बिना सत्य जाने, बिना तथ्य जाने
आँखें बंद किये उसी दिशा में बहे जा रहे हैं. अंतिम समय के फोटो में भी उन्हीं तीन
मासूम बच्चों के फोटो सामने आ रहे हैं जो अपने माता-पिता के साथ लन्दन शिफ्ट होने
के लिए जा रहे थे. निश्चित रूप से फोटो-वीडियो के द्वारा लोगों की भावनाओं से
खेलने वाले जानते हैं कि किस फोटो से उनको ज्यादा से ज्यादा शेयर, लाइक मिलने वाले हैं.
यहाँ एक बात समझ नहीं
आ रही कि ये सबकुछ ख़त्म होने के अंतिम कुछ सेकेण्ड पहले की फोटो, वीडियो किसने लिए? किसने सार्वजनिक किये?
क्या उन बच्चों के
माता-पिता अपने पूरे परिवार की मौत को लेकर, हवाई जहाज की दुर्घटना को लेकर एक तरह से आश्वस्त हो चुके थे, तभी उन्होंने चिल्लाते-चीखते बच्चों को सँभालने की बजाय उनकी फोटो खींचकर
अपने किसी परिचित को भेजे, अपने किसी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म
पर अपलोड किये?
क्या जहाज के अन्दर
कोई सीसी टीवी कैमरा टाइप कुछ रहता है जो किसी नेटवर्क के माध्यम से लगातार फोटो,
वीडियो बनाता हुआ कहीं धरती पर बने सेंटर
को भेजता रहता है?
क्या इसी जहाज में
कोई ऐसा व्यक्ति था जो बिना डर, भय, बचने की कोशिश के फोटो,
वीडियो खींच कर अपने किसी परिचित को लगातार
भेजता रहा?
क्या दुर्घटना स्थल
से किसी व्यक्ति का अथवा कई व्यक्तियों के मोबाइल इस हालत में मिले हैं, जिनसे ये फोटो, वीडियो निकाल कर सार्वजनिक किये जा रहे हैं?
सोशल मीडिया में
तैर रहे तमाम एविएशन एक्सपर्ट इस बारे में भी अपनी विशेषज्ञतापूर्ण राय दें.
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