16 जुलाई 2024

जहाँ रहो खुश रहो, सुखी रहो

आज की तारीख वैसे तो खुश होने की है मगर चाह कर भी खुश नहीं हो पाते हैं. ऐसा नहीं कि खुश रहना नहीं आता या फिर ख़ुशी ने अपना रास्ता बदल लिया है. इस तारीख को अब चाह कर भी खुश न रह पाने का कारण इसी तारीख वाले छोटे भाई से सम्बंधित है. आज छोटे भाई मिंटू का जन्मदिन है. जब उसका जन्म हुआ तब हमारी उम्र ने पूरी तरह से छह वर्ष की संख्या को छुआ नहीं था, इसके बाद भी उसके जन्म के समय की बहुत सारी घटनाएँ आज भी दिल-दिमाग में जीवित हैं.

 



जुलाई का महीना था और उस समय लोग आज की तरह कमरे में बंद रहकर, कूलर-एसी को अपनी आदत बनाकर नहीं सोते थे. सही कह रहे हैं, आखिर वो समय 1979 का था. उस समय सीलिंग फैन ही जबरदस्त हवा दिया करता था. रात में अनिवार्य रूप से छत पर सोने का उपक्रम हुआ करता था. उस रात भी हम लोग छत पर हँसते-गुनगुनाते सोने की तैयारी में लगे थे जबकि मिंटू के आने की खुशखबरी घर में आई.

 

बहरहाल, आज मिंटू के जन्मदिन को ख़ुशी से मना भी नहीं पा रहे हैं. जैसे ही खुश होने के विचार सामने आता है, जन्मदिन मनाने का भाव जगता है वैसे ही आँखों से आँसुओं की धार स्वतः चलने लगती है. आखिर आज मिंटू होते तो 45 का आँकड़ा छू लिया होता. आज से तीन वर्ष पहले मिंटू की शारीरिक उपस्थिति हम लोगों के बीच शून्य में विलीन हो गई. उस दिन से उसका जन्मदिन मनाया जाता है मगर आँखों आँखों में, आँसुओं में, अकेले में.

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