09 जनवरी 2022

सिर्फ ऐतिहासिक उपन्यासकार ही नहीं थे वृन्दावन लाल वर्मा जी

आज प्रसिद्द उपन्यासकार वृन्दावन लाल वर्मा जी का जन्मदिन है. उनका जन्म आज ही के दिन १८८९ उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले के मऊरानीपुर को हुआ था. वृन्दावन जी को मुख्य रूप से ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में जाना जाता है. बहुत से कम लोगों को ये जानकारी है कि उन्होंने सामाजिक उपन्यास भी कम नहीं लिखे हैं. ऐसा होना निश्चित रूप से उनकी लेखकीय प्रतिभा का पूरा सम्मान नहीं है. उनको ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में स्वीकारने का मुख्य कारण उनके दो प्रमुख उपन्यास ‘गढ़ कुंडार और ‘मृगनयनी भी हैं. आम लोगों ने उनको इसी कारण से विशुद्ध ऐतिहासिक लेखक या कहें कि उपन्यासकार के रूप में जाना है.




इस पोस्ट का उद्देश्य वृन्दावन लाल वर्मा जी के बारे में यही जानकारी देनी है कि वे मात्र ऐतिहासिक लेखक नहीं हैं, न ही वे विशुद्ध उपन्यासकार हैं बल्कि उन्होंने उपन्यास के अलावा अन्य कृतियों की भी रचना की है, ऐतिहासिक कृतियों के अलावा सामाजिक कृतियाँ भी साहित्य जगत को दी हैं. जब ये उन्नीस साल के किशोर थे तो इन्होंने अपनी पहली रचना ‘महात्मा बुद्ध का जीवन चरित’(१९०८) लिख डाली थी। उनके लिखे नाटक ‘सेनापति ऊदल’(१९०९) में अभिव्यक्त विद्रोही तेवरों को देखते हुये तत्कालीन अंग्रजी सरकार ने इसी प्रतिबंधित कर दिया था. सन १९२० ई० तक छोटी-छोटी कहानियाँ लिखते रहे. इन्होंने मुख्य रूप से ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास, नाटक, लेख आदि गद्य रचनायें लिखी हैं साथ ही कुछ निबंध एवं लधुकथायें भी लिखी हैं. उनकी रचनाओं को यहाँ सामान्य परिचय के रूप में यहाँ आप सबकी जानकारी के लिए दिया जा रहा है.


ऐतिहासिक उपन्यास

  • गढ़ कुंडार (1930 ई.)
  • टूटे काँटे (1945 ई.)
  • झाँसी की रानी (1946 ई.)
  • महारानी दुर्गावती
  • मुसाहिबजू (1946 ई.)
  • कचनार (1947 ई.)
  • मृगनयनी (1950 ई.)
  • माधवजी सिंधिया (1950 ई.)
  • रामगढ़ की रानी (1950 ई.)
  • भुवनविक्रम (1957 ई.)
  • ललितादित्य
  • अहिल्याबाई
  • देवगढ़ की मुस्कान


सामाजिक उपन्यास

  • प्रत्यागत (1927 ई.)
  • संगम (1928 ई.)
  • प्रेम की भेट (1928 ई.)
  • कुंडलीचक्र (1932 ई.)
  • कभी न कभी (1945 ई.)
  • अचल मेरा कोई (1948 ई.)
  • सोना (1952 ई.)
  • अमरबेल (1953 ई.)
  • सोती आग
  • डूबता शंखनाद
  • लगन
  • उदय किरण
  • अमर-ज्योति
  • कीचड़ और कमल
  • आहत


नाटक

  • धीरे-धीरे
  • राखी की लाज
  • सगुन
  • जहाँदारशाह
  • फूलों की बोली
  • बाँस की फाँस
  • काश्मीर का काँटा
  • हंसमयूर
  • रानी लक्ष्मीबाई
  • बीरबल
  • खिलौने की खोज
  • पूर्व की ओर
  • कनेर
  • पीले हाथ
  • नीलकण्ठ
  • केवट
  • ललित विक्रम
  • निस्तार
  • मंगलसूत्र
  • लो भाई पंचों लो
  • देखादेखी


कहानी संग्रह

  • दबे पाँब
  • मेढ़क का ब्याह
  • अम्बपुर के अमर वीर
  • ऐतिहासिक कहानियाँ
  • अँगूठी का दान
  • शरणागत
  • कलाकार का दण्ड
  • तोषी


निबन्ध

  • हृदय की हिलोर 

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. वृन्दलाल वर्मा के विषय में जानकारी प्रदान करता आलेख। उनके सामाजिक उपन्यास पढ़ने की कोशिश रहेगी।

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  2. वर्मा जी का खूबसूरत उपन्यास 'मृगनयनी' मैंने तब पढ़ा था जब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ता था। यह प्रारम्भ था मेरी साहित्य-यात्रा का। वर्मा जी के कृतित्व का विस्तृत विवरण देने के लिए धन्यवाद!

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