02 जनवरी 2022

साइबर क्राइम से बचा जा सकता है

साइबर अपराध या साइबर क्राइम आज एक प्रचलित शब्द है. आखिर ये साइबर अपराध क्या है? सहज शब्दों में कहें तो इंटरनेट का उपयोग करके कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल के द्वारा किया गया कोई भी गैर-कानूनी कार्य साइबर अपराध है. इसके द्वारा एक व्यक्ति मोबाइल, कंप्यूटर आदि के द्वारा इंटरनेट का उपयोग करके किसी दूसरे व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी करके गैर कानूनी तरीके से किसी भी कार्य को करता है तो उस व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य साइबर अपराध कहलाता है. ऐसे कार्य करने वाले व्यक्ति को साइबर अपराधी कहते हैं.


इस तरह के अपराध में साइबर अपराधी कोई ना कोई गैर कानूनी तरीके से ऑनलाइन मोड में किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी जैसे उसके लेनदेन करने के खाते का, व्यापारिक गतिविधि के खाते का, सोशल मीडिया खाते का लॉग इन आईडी, उसका पासवर्ड, उसकी निजी जानकारी, उसके बैंक से सम्बंधित जानकारी, केडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, आदि की जानकारी लेने अथवा चुराने का प्रयास किया जाता है या फिर चुरा लिया जाता है. ऐसा करने के बाद साइबर अपराधी आर्थिक नुकसान पहुँचाता है.




आर्थिक अपराध के अलावा इंटरनेट पर अब बिना सम्बंधित व्यक्ति की जानकारी के, बिना उसकी अनुमति के उसकी सामग्री का चोरी किया जाना भी आम बात होती जा रही है. ऐसे में यह भी एक तरह का अपराध है.


इसके साथ-साथ किसी व्यक्ति की निजी जानकारी के लिए किसी भी अवैध तरीके से उसके लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल आदि में प्रवेश करके सामग्री, जानकारी का चोरी करना भी साइबर अपराध है.


साइबर अपराध में किसी भी अपराधी को कंप्यूटर, मोबाइल के साथ-साथ एक इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है. उसी के द्वारा वह किसी व्यक्तिगत या सरकार की आर्थिक संपत्ति अथवा अन्य तरह के अपराध करता है.


साइबर अपराध में केवल किसी दूसरे की जानकारी को चोरी करना, आर्थिक चोरी करना ही अपराध नहीं है बल्कि किसी दूसरे की किसी भी तरह की डिवाइस में किसी ऐसे वायरस को पहुँचाना भी अपराध है जिससे उस सम्बंधित कंप्यूटर, मोबाइल आदि को नुकसान पहुँचाया जा सके. इसी तरह किसी भी व्यक्ति की निजी अथवा किसी सार्वजनिक जानकारी का उपयोग बिना उसकी जानकारी, अनुमति के करना भी साइबर अपराध है. किसी दूसरे व्यक्ति की मेल आईडी का गैर-कानूनी इस्तेमाल करना अथवा उसकी क्लोनिंग करके किसी दूसरे से ठगी, धोखाधड़ी करना आदि भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है.


इधर सोशल मीडिया का उपयोग भी बहुतायत हो रहा है. इंटरनेट की मदद से सोशल साइट्स पर गैर कानूनी फोटो, वीडियो, सामग्री, जानकारी को फैलाना से भी साइबर अपराध माना गया है. इसमें इस तरह की जानकारी, सामग्री भी अपराध की श्रेणी में शामिल है जिसके द्वारा सांप्रदायिक तनाव बढे, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो, देश हित से सम्बंधित किसी भी जानकारी का गैर-कानूनी इस्तेमाल हो.


इसके अलावा तमाम सोशल साइट्स एप्स जैसे Watsaap, Facebook, Twitter, Teligram, Instagram आदि पर फर्जी नाम या फर्जी आईडी बना कर गैर कानूनी तरीके से किया गया कोई भी कार्य साइबर अपराध कहलाता है.


साइबर अपराधियों से खुद को बचाए रखने के लिए आवश्यक है कि हम सभी अपने सुरक्षा कदमों को मजबूत रखें. अपने खातों से सम्बंधित जानकारियों को सार्वजनिक न करें.


किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि में उपयोग होने वाले प्लेटफोर्म में उपयोग किये जाने वाले किसी भी गुप्त कोड को किसी के साथ भी शेयर न करें.


समय-समय पर अपनी आईडी का पासवर्ड बदलते रहें. अनजान मैसेज लिंक या मोबाइल पर आए नोटिफिकेशन पर तब तक क्लिक न करें जब तक कि उसके बारे में पुख्ता जानकारी हासिल न हो.


यदि मनी ट्रांसफर करने वाले तमाम एप्प्स, जैसे SBI नेटबैंकिंग, Phone Pay, Google Pay आदि का यदि उपयोग करते हों तो उनकी टू स्टेप सुरक्षा व्यवस्था करें. साथ ही उसमें काम करने के बाद तुरंत Logout कर दें.


ऐसे अनेक छोटे-छोटे कदम हैं, जिनके उठाये जाने के बाद साइबर अपराधियों के क़दमों को रोका जा सकता है. यह हम सबकी सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है.


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