04 सितंबर 2021

घर की मुर्गी को मुर्गी ही समझा गया


 

कल शिक्षक दिवस है. इस अवसर पर सरकारी, गैर-सरकारी आयोजन होते हैं, शिक्षकों को सम्मानित करने के. इस वर्ष स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में जानकारी हुई थी कि उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में 75 शिक्षकों का (महाविद्यालय स्तर पर) सम्मान किया जाना है. 


इस बारे में रात को आधिकारिक सूचना भी प्राप्त हो गई. अपने महाविद्यालय से सम्मानित होते कई शिक्षकों के बीच हमारा भी नाम चमक रहा है. अच्छा लगा अपने लोगों के बीच सम्मानित होने में. यद्यपि सम्मान समारोह कल होना है मगर ख़ुशी अभी से है. ख़ुशी इसलिए भी हो रही है कि भले ही ये शासन-प्रशासन का कार्यक्रम हो मगर 'घर की मुर्गी दाल बराबर' वाली बात को थोड़ा किनारे कर दिया गया है. सरकारी नीति के तहत ही सही, सभी जनपदों में ही सही 'घर की मुर्गी को मुर्गी ही' समझा गया है.


सभी को बधाई, शुभकामना. सभी शिक्षकों को, गुरुजनों को शिक्षक दिवस की शुभकामनायें.

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