आज भारत को ओलंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक मिलना प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व की बात है। यह गर्व का विषय उन नागरिकों के लिए और भी ज्यादा गौरवान्वित करने वाला है जो किसी न किसी रूप में भाला फेंक खेल से जुड़े रहे हैं। उस समय हम अपनी स्नातक की पढ़ाई के दौरान खेलकूद में भी भाग लेना शुरू किया।
उसी समय संयोगवश हम भी खेल के क्षेत्र में उतर आये दौड़ने के साथ हमने भाला फेंक को चुना। एक प्रतियोगिता में तमाम स्तरीय खिलाड़ियों के बीच हमारे चौथे नंबर को हमारे सर ने बहुत सराहा था।
आज उसी स्पर्धा में देश को ओलम्पिक में स्वर्ण मिलते देख बीते दिनों की याद आ गई।
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