इस चित्र को देखकर आपको अपना बचपन याद आया होगा. याद आया या नहीं? यदि याद नहीं आया तो इसका मतलब ये ही कहा जायेगा कि आपने अपने बचपन को मस्ती से नहीं बिताया है. और जिस-जिस को ये याद आ गया है तो फिर कहने ही क्या. ऐसे लोगों की उँगलियों में हरकत होने लगी होगी इसके साथ खेलने की. ये एक तरह की पैकिंग शीट है जिसमें हवा भरे कोष्ठ बने होते हैं. ये शीट या कहें कि हवा भरे कोष्ठ किसी भी सामान को धक्के से, टूट-फूट से बचाने का काम करते हैं.
ये तो हुआ इसका असल मगर संक्षिप्त परिचय. वैसे
भी किसी बड़े और गम्भीर परिचय की अभी आवश्यकता है नहीं इसके लिए. बस आप सभी से ये
परिचित है, आप सभी इससे परिचित हैं,
यही काफी है. परिचय की बहुत ज्यादा आवश्यकता इसलिए भी नहीं है क्योंकि इसके साथ
बहुत से लोग अपना बचपन बिता चुके हैं और अभी भी जबकि बहुत से लोग युवा, अधेड़, वृद्ध हो गए होंगे, इससे खेलना नहीं छोड़ पा
रहे होंगे.
हम ही नहीं हमारी बेटियाँ आज भी इस ताक में रहती
हैं कि कौन सबसे पहले इस शीट को अपने कब्जे में करे. वर्तमान दौर में बहुत सारा सामान
ऑनलाइन प्रकट करवाया जाता है. इस ऑनलाइन मार्केटिंग के कारण लगभग सभी तरह के
सामानों में यह शीट लिपटी आती है. सामान निकालने के बाद सबसे पहला काम इस शीट के
साथ खेलना होता है.
अब जिन्होंने इसके साथ नहीं खेला है वे आश्चर्य
अवश्य कर रहे होंगे कि इससे कैसे खेला जाता होगा? अरे जी,
इसके साथ खेलने का अपना ही मजा है. इस शीट में बने हवा के कोष्ठ, जिनके एक तरह के छोटे गुब्बारे समझा का सकता है, को उँगलियों के दवाब से
फोड़ा जाये तो पट्ट-पट्ट की आवाज़ करते हुए फूट जाते हैं. इस आवाज़ में इतनी मधुरता
होती है कि एक कोष्ठ फोड़ने के बाद रुका नहीं जाता है. एक, दिर एक, फिर एक और.... धीरे-धीरे सारी शीट के गुब्बारे फूट जाते हैं.
मन की मस्ती पूरी होते-होते हाथ में बस एक प्लास्टिक
शीट रह जाती है. जिन लोगों ने इसका मजा लिया है, वे अवश्य ही
खोजने में लग गए होंगे इसे. और हाँ, जिन-जिन लोगों ने इसके
साथ अभी तक खेलने का मजा नहीं लिया है वे कहीं से इस शीट को प्रकट करें और
गुब्बारे फोड़ने का मजा लूट लें.
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हम तो अभी भी इसके पट-पट की धुन को सुनने के लिए इसे ऊँगलियों से फोड़ते रहते हैं. बड़ा मज़ा आता है इसमें. हमारे बचपन में तो ऐसी पैकिंग नहीं होती थी. लेकिन बच्चों की तरह इससे खेलना बड़ा लुभाता है.
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