31 दिसंबर 2020

सम्मान करना तो सीख लो

किसी-किसी बात को लेकर, किसी-किसी बिन्दु को लेकर लोगों में एक तरह की भेड़चाल देखने को मिलती है। इधर नया साल आने को होता है वैसे ही ये दिखाई देने लगती है। सोशल मीडिया के बहुत से मंचों पर दिन भर इसी तरह की जुगाली होने लगती है। हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान को मानने, स्वीकारने की बात करते हुए अंग्रेजी नववर्ष को न मनाने की चर्चा चल पड़ती है। अंग्रेजी नववर्ष न मनाने एक बात है पर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान भी न करना एक दूसरी बात है। 

नववर्ष आयोजन का तात्पर्य पार्टी, खाने-पीने, आतिशबाजी करने, रात भर कार्यक्रम करने से है और जरूरी नहीं कि सभी को यह करना ही हो। बहुत से लोग हैं जो इस तरह के आयोजन न तो करते हैं और न ही ऐसे किसी आयोजन का हिस्सा बनते हैं, इसके बाद भी ये लोग नववर्ष की शुभकामनाएँ लेने, देने में पीछे नहीं रहते हैं। इन लोगों में ऐसे लोग भी होते हैं जो हिन्दी नववर्ष का आयोजन पूरे उत्साह और जोश में करते हैं। 



अंग्रेजी नववर्ष का मनाना या न मनाना निजी मामला है। हिन्दी नववर्ष का मनाना, न मनाना निजी मसला होने के साथ-साथ संस्कार, संस्कृति का मामला है। ये अच्छी बात है कि आधुनिकता अपनाने के बाद भी अपनी संस्कृति, संस्कार को भुलाया न जाए। इसी बिन्दु पर आकर यही बात भी प्रभावी हो जाती है कि जिस स्थिति का, जिस कैलेंडर का सभी लोग साल भर उपयोग करते हों, दिन में बीसियों बार अंग्रेजी तिथि को बोलते, लिखते, उपयोग करते हों उस नववर्ष के आने पर शुभकामनाओं के आदान-प्रदान पर नकारात्मक नौटंकी क्यों?

ऐसे लोग गौर करें कि वे अपने काम करते समय किस तिथि का, किस कैलेंडर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं? आज ही उन्होंने कौन सी तिथि लिखी, बोली होगी, पौष कृष्ण प्रतिपदा, विक्रम संवत् २०७७ या गुरुवार 31 दिसम्बर 2020? जब हर जगह इसी अंग्रेजी कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है तो इसके बदलने पर, नया अंग्रेजी साल आने पर शुभकामनाओं के आदान-प्रदान से परहेज का नाटक अच्छी मानसिकता नहीं है। आप रात भर न जागें, आधी रात से विश करने न जुटें, रात भर पार्टी न करें, रात भर दारू-मुर्गा न करें पर जिससे दिन भर, साल भर काम चलाते हैं उस अंग्रेजी कैलेंडर का, उस अंग्रेजी साल का सम्मान अवश्य करें। 


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वंदेमातरम्

2 टिप्‍पणियां:

  1. अक्षरशः सत्य। हमारे देश में अंग्रेज़ी भाषा को पागलपन के हद तक बढ़ावा दिया जाता है। लेकिन तिथि नहीं स्वीकार। 14 फ़रवरी जब आए तब ऐसे तथाकथित नौटंकीबाज़ों की करतूत देखिए। नव वर्ष मंगलमय हो!

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