21 दिसंबर 2020

निकले जब अंतिम यात्रा को तो...

गुरूर रहा जिन्हें ज़िन्दगी भर,

निर्भर न रहने का किसी पर कभी.

निकले जब अंतिम यात्रा को तो,

उनको जरूरत चार कांधों की पड़ी.

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आज इतना ही, कल इस पर लिखा जायेगा कुछ, बहुत कुछ.

 

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वंदेमातरम्

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