किसानों
के आन्दोलन का ऐसी बातों से जुड़ा होने का अर्थ समझ से परे है. किसानों की आड़ लेकर
देश में या कहें कि देश की राजधानी में फिर से अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही
है. इस पूरे आन्दोलन में जिस तरह का मुस्लिम गठजोड़ देखने को मिला, सिखों का भेष
धारण किये हुए मुस्लिम युवक पकड़े गए वह भी अपनी अलग कहानी कहता है. शाहीन बाग़ के
बाद भी दिल्ली में उस स्तर की अराजकता शायद ये ताकतें नहीं फैला सकीं थीं जैसी कि
वे चाहती थीं, इसलिए अब दोबारा कोशिश की जा रही है. ये सभी को मालूम है कि दिल्ली
में होने वाली हलचल समूचे विश्व में देखी-सुनी जाती है. ऐसे में दिल्ली में
अराजकता फैलने से सरकार की, प्रशासन की छवि पर नकारात्मक असर भी पड़ता है. किसानों
के रूप में बैठे ऐसे कृषि-व्यापारियों, खालिस्तान समर्थकों, पाकिस्तान समर्थकों का
उद्देश्य कृषि सम्बन्धी कानून में संशोधन नहीं बल्कि अराजकता के द्वारा देश को,
सरकार को बदनाम करना है. इसका प्रमाण इस चित्र के माध्यम से (यदि ये चित्र सही है)
लिया जा सकता है.
11 दिसंबर 2020
आन्दोलन की आड़ में अराजकता फ़ैलाने की कोशिश?
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वंदेमातरम्
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (13-12-2020) को "मैंने प्यार किया है" (चर्चा अंक- 3914) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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