आज विश्व एड्स दिवस पर बस इतनी सी बात कि यदि हम अपनी जीवन-शैली संयमित रखेंगे तो इस बीमारी से बचे रहेंगे. एक बात याद रखिए कि निरोध (कंडोम) का सबसे पहला उपयोग परिवार नियोजन के लिए किया गया था न कि एड्स की रोकथाम के लिए. इसे तो बाद में लोगों की यौन सम्बन्ध बनाने की अनियंत्रित चेष्टा के कारण एड्स रोकथाम के लिए अपनाना पड़ा. समझिये इसे कि एक ऐसा साधन जिसे परिवार नियोजन के रूप में अपनाया गया हो उसे बाद में असुरक्षित यौन संबंधों से सुरक्षित रहने के लिए अपनाए जाने के लिए बताया जाने लगा हो तो समाज किस दिशा में जा रहा है. यह समाज की नहीं बल्कि हम सबकी मानसिक, सामाजिक, संस्कारित गिरावट का सूचक है.
आज विश्व एड्स दिवस है, इस अवसर पर क्या बधाई, क्या शुभकामना दी जाए कि एड्स से बचे रहें या फिर ये कि निरोध के इस्तेमाल के साथ सुरक्षित यौन सम्बन्ध अपनाएँ? आप सभी समझदार हैं, समझिये और आगे बढ़िए.
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वंदेमातरम्
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