सबसे बड़ा है प्यार,
उसके बाद सारा संसार. प्यार के प्रतीक माने जाने वाले राधा-कृष्ण को पूजने के बाद भी प्यार शब्द के साथ भ्रान्ति क्यों? प्यार के साथ संकुचन क्यों? प्यार के साथ एकतरफा व्यवहार क्यों?
क्या समझा है कभी कि प्यार है क्या? क्या जाना है कभी कि प्यार कहते किसे हैं? क्या प्यार का नाम स्त्री-पुरुष से जुड़ा हुआ ही है? क्यों प्यार का सन्दर्भ दो विषमलिंगियों के विवाह से लगाया जाता है?
काश कि समाज भी और प्यार करने वाले भी प्यार को समझ पाते. प्यार का उचित अर्थ जान पाते.
.
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 07 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजीवन का सार निहित है ढाई आखर में।
जवाब देंहटाएंप्यार पर लिखी अद्भुुुत रचना...गजब लिखा कुमारेंद्र जी
जवाब देंहटाएं