24 सितंबर 2020

ऑक्सीमीटर की रीडिंग के सम्बन्ध में जानकारी

यह फोटो बहुत वायरल है, और बहुत लोग पूछ रहे हैं करें तो क्या करें? एक ही व्यक्ति की अलग अलग उंगलियों में अलग-अलग Heart Rate एवं अलग-अलग ऑक्सीजन का स्तर है. इनमें से कौन सा ऑक्सीमीटर सही है? क्या सभी ऑक्सीमीटर ख़राब हैं? कौन सी रीडिंग सही मानी जाए? यूं तो कोई सीरियस हो सकता है, मुगालते में रह सकता है कि मेरा Spo2 सही है. वहीं कोई व्यर्थ घबरा सकता है कि मेरा Spo2 कम हो गया. इस फोटो के हिसाब से तो यह मशीन विश्वसनीय नहीं है. यह लेख फ़ोटो से उत्पन्न भ्रमों को ध्वस्त करने के लिए है. उम्मीद है मदद मिलेगी.


इसके सन्दर्भ में निम्न बातें समझ लें


1. यह पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर है जो बहुत सस्ते 500 rs से लेकर 3 से 5 हज़ार तक भी आ सकते हैं. घरों में उपयोग के लिए सस्ता लिया जा सकता है. कुछ ऑक्सीमीटर ग़लत रीडिंग देने वाले हो सकते हैं, किसी भी अन्य मशीन की तरह. अच्छा होगा दो सामान्य व्यक्तियों की इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) में लगा कर देख लिया जाए. सामान्य वयस्क में पल्स ऑक्सीमीटर 97 से 100 के बीच रीडिंग देता है. यह रीडिंग बदलती रहती है. कुछ सेकण्ड्स के लिए नीचे जाए और फिर बढ़ जाये तो चिंता न करें. ऐसा उंगली के हिल जाने से भी हो सकता है.


2. सबसे अच्छी उंगली व्यस्कों में इंडेक्स फिंगर होगी इसे लगा कर देखने के लिए. किसी भी हाथ की इंडेक्स फिंगर में लगा कर देखिए.


3. उंगली गीली हो (पसीना, पानी), ठंडी हो (आप अभी हाथ धो कर आये हैं) तब रीडिंग गलत आ सकती है. साथ ही उंगली का प्लेसमेंट ढीला हो तब भी ग़लत रीडिंग हो सकती है. ऐसा पतली उंगलियों, बच्चों की उंगलियों इत्यादि के साथ देखने मिल सकता है. हाथ स्थिर न हो तब भी गलत रीडिंग आ सकती है. हाथ को किसी भी सतह जैसे पलंग या टेबल पर स्थिर रख लें. रीडिंग कम आने पर ( 94 से नीचे) कुछ देर लगे रहने दें. यदि रीडिंग स्वतः न बढ़े तो दूसरे हाथ की index finger में लगा कर देखें. फ़िर भी कम दिखे तो इसे कम मानें लेकिन पहले उंगली को कपड़े से अच्छे से पोंछ लें.


मेरे एक परिचित बहुत घबरा गए थे और मुझे भी उन्हें अर्जेंट भर्ती करवाना पड़ा क्योंकि उन्होंने मुझे Spo2 92 बताया. जबकि वे सही ढंग से पोर्टेबल मशीन को लगा नहीं रहे थे. कई बार आरंभिक कुछ सेकंड पल्स ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग दे सकता है. अतः कुछ देर धैर्य रखें. कुछ देर में रीडिंग सेटल होती है.


जैसे इस स्थिर चित्र में किस समय कौन सा ऑक्सीमीटर लगा, नहीं पता है हमें. हाथ हिल रहा है या स्थिर है, उंगली हिलायी गई नहीं पता. क्या कोई उंगली गीली है अथवा ढीला प्लेसमेंट है नहीं पता. अतः सभी मशीन सही होते हुए भी अलग अलग रीडिंग मिल सकती है उपरोक्त कारणों की वजह से.


आप चित्र में देखें तो सिर्फ़ 98 प्रतिशत दिखाने वाली उंगली ही ठीक से भीतर है पल्स ऑक्सीमीटर के बाकी उंगलियां हल्की बाहर दिख रही हैं मतलब प्लेसमेंट सही नहीं है.


अंत मे बेहद अहम बात और सबसे आसान भी.


जो रीडिंग अधिकतम हो और कुछ देर को ठहरे, जैसे इस फ़ोटो में 98 को मैं इस व्यक्ति का सही Spo2 मानूंगा. और यदि यह Spo2 97 से 99 के इर्द गिर्द बना रहता है, तो यह इस व्यक्ति का सही Spo2 है, भले ही कुछ देर को किसी और उंगली में 70 ही क्यों न आया हो. कम Spo2 मशीन या हाथ की बहुत सी गलतियों से आ सकता है लेकिन अधिक Spo2 तभी आएगा जब सब कुछ परफेक्ट हो.


अब ज़रा टेक्निकल पक्ष-


बीच में देखिए HR और SP02 के, Pi नाम की चीज़ लाल रंग में लिखी है. Pi का अर्थ है Pulsatile Index. यह यदि अधिक है मतलब अच्छी पल्स मिल रही हैं ऑक्सीमीटर को और वह सही रीडींग देगा. जबकि अत्यधिक कम है तो वह गलत हो सकता है. सामान्य रेंज 1 से 30 हो सकती है. हालांकि आम लोगों को इसे देखने या इस विषय में सोचने की आवश्यकता नहीं है.


आपका

डॉ० अव्यक्त


(उक्त चित्र मिलने पर अपने डॉक्टर्स मित्रों से इस सन्दर्भ में चर्चा की. उन्हीं से यह आलेख प्राप्त हुआ)

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