कोरोना
संक्रमण को लेकर बहुत सी बातें लगातार सामने आ रही हैं. सामाजिक, शारीरिक दूरी बनाये जाने की बातें की जा रही हैं. हाथ धोने के तरीके बताये
जा रहे हैं. इन सबके बीच कुछ शंकाएँ हैं, मन में. शंकाएँ इसलिए
क्योंकि जो प्रश्न मन में उठते हैं उनके बारे में समाधान खुद से ही खोज लेते हैं मगर
उनके बारे में स्पष्ट उत्तर मिलते नहीं.
सवाल
ये हैं कि कोरोना संक्रमण फैलने का मूल कारण क्या है?
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यदि
दो व्यक्ति एकसाथ सटे हुए बैठे/खड़े हैं. उनमें एक व्यक्ति पॉजिटिव है और दूसरा स्वस्थ.
वे आपस में किसी तरह की बातें न करें (ड्रॉपलेट सम्बन्धी कोई कारण न हो) तो भी क्या
दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो जायेगा?
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किसी
स्वस्थ व्यक्ति ने किसी संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिला लिया या फिर किसी संक्रमित वस्तु
को छू लिया तो क्या वो पॉजिटिव हो जायेगा?
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यदि
स्वस्थ व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति/वस्तु को छूने के बाद अपने हाथ को आँख,
नाक, मुँह में नहीं लगाता तो भी क्या वह संक्रमित
हो जायेगा?
+
ऐसी
स्थिति में कितने देर रहने के बाद उसकी हथेली संक्रमण मुक्त हो जाएगी, यदि उसे साबुन न मिले, सेनेटाइजर न मिले? या वह संक्रमित ही बनी रहेगी?
+
यदि
स्वस्थ व्यक्ति किसी ऐसी जगह बैठ जाए जिसे किसी संक्रमित व्यक्ति ने छू लिया हो या
वहाँ कोई संक्रमित व्यक्ति बैठा रहा हो तो क्या वो स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो जायेगा?
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कोरोना
संक्रमित व्यक्ति के शरीर के किस हिस्से से छूने से संक्रमण फैलेगा? क्या पॉजिटिव व्यक्ति का पूरा शरीर संक्रमित हो जाता है?
+
कहा
जा रहा है कि संक्रमण मुँह, आँख, नाक के
सहारे फेफड़ों तक ही हो रहा है, ऐसे में किसी संक्रमित व्यक्ति
का पूरा शरीर किस तरह/किस कारण संक्रमित हो जाता है?
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संक्रमित
व्यक्ति जो कपड़े पहने होता है क्या उसका ऊपरी हिस्सा भी संक्रमित रहता है, जिसे उसने अपनी हथेलियों से न छुआ हो?
सवाल
तो बहुत सारे हैं मगर सब इन्हीं के आसपास घूमते-टहलते हैं. इनका जवाब इसलिए भी
आवश्यक है, ये जरूरी नहीं कि हमें मिलें बल्कि सबको पता होने चाहिए क्योंकि कोरोना
के नाम से जिस भय का व्यापार अब हो रहा है वह खतरनाक है. आज ज्यादातर डॉक्टर्स किसी
मरीज को देखने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं. वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे बीमार
व्यक्ति अपनी आँखों से कोरोना फेंक रहा है.
इन
सवालों के जवाब इसलिए भी मालूम होने चाहिए क्योंकि जिस तरह से लोगों का बाहर
निकलना हो रहा है, जिस तरह से सभी कार्यालय, संस्थान अपनी सामान्य स्थिति में आ
रहे हैं उससे कोरोना संक्रमण बढ़ने की ज्यादा सम्भावना है. मास्क को लेकर, हाथ धोने
को लेकर, ड्रॉपलेट को लेकर, मौसम को लेकर, वायरस के जीवित रहने को लेकर जिस तरह से
अलग-अलग बातें निकल कर सामने आ रही हैं, वे चिंताजनक हैं. ऐसे में इस तरह के और
दूसरे सवालों को उठाया जाना चाहिए, उनका समाधान खोजना चाहिए. सुरक्षा तो अपनी जगह
है, संभव है कि ऐसे सवालों से प्राप्त जानकारी से भी सावधानी बढ़ाई जा सके.
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सही कहा, जिस तरह अपर्याप्त जानकारी के कारण भ्रम की स्थिति बनी है, वो डरावनी है।
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