विगत
कुछ समय से अनेक उदाहरण ऐसे सामने आ रहे हैं जिनमें मुख्य तत्त्व है अहंकार. इन
तमाम मामलों को देखने-समझने के बाद समझ नहीं आ रहा कि व्यक्ति का जीवन ज्यादा
महत्त्वपूर्ण है या फिर उसका अहंकार? सामने आने वाले इन मामलों में अहंकार है भाई
से भाई का, दोस्त से दोस्त का, परिवार से, पड़ोस से, सहयोगियों से. इन्हीं में एक
तरह का अहंकार देखने को मिल रहा है पति-पत्नी के बीच. क्या ये ऐसा रिश्ता है जहाँ
अहंकार का स्थान है? क्या इस रिश्ते के बीच अहंकार आना चाहिए?
आज
पोस्ट नहीं, बस सवाल. क्या पति-पत्नी के बीच अहंकार आना चाहिए? वर्तमान परिदृश्य
में क्या आपके सामने ऐसे मामले आये हैं जिनमें पति-पत्नी के बीच अहंकार ने जगह ले
ली है? क्या इस अहंकार को मिटाया जा सकता है? इसको दूर करने के उपाय क्या होने
चाहिए?
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#हिन्दी_ब्लॉगिंग
Enter your comment...pati patni me ahnkat hota h dosro ki wjah se chahe wo sahi hi kyu na ho ap kitna bhi samjha lo pati ko ya patni ko koi samjhne ko tayyar nhi na manne ko tayyar h ki galti meri h
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक।
जवाब देंहटाएंविचारणीय आलेख।