12 जून 2020

बेटी की वैवाहिक ख़ुशी में शामिल है अनाज बैंक

जब आप किसी की ख़ुशी में शामिल होते हैं तो न केवल उस परिवार की ख़ुशी में वृद्धि होती है बल्कि खुद को भी प्रसन्नता महसूस होती है. ऐसी ख़ुशी उस समय भी मिलती है जबकि आप किसी की ख़ुशी में बिना किसी स्वार्थ के सम्मिलित होते हैं. ऐसी ही ख़ुशी में शामिल होने का अवसर अनाज बैंक टीम को आज मिला. इस टीम का एक हिस्सा होने के नाते उस ख़ुशी में एक भाग हमें भी मिला. उस आनंद का अतिरेक आंतरिक रूप से महसूस किया.


जनपद जालौन के ग्राम खजुरी का एक परिवार विगत कई वर्षों से वाराणसी अपने काम के सिलसिले में जाता रहता है. इस वर्ष भी उसका वहाँ जाना हुआ. उसके वहाँ पहुँचते ही कोरोना ने अपना रूप दिखाना शुरू  किया और उसके कारण सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा. ऐसी स्थिति में इस परिवार के सामने न केवल रोजगार का संकट पैदा हुआ बल्कि खाने-पीने की भी समस्या उत्पन्न हुई. ऐसे में वाराणसी में संचालित अनाज बैंक मुख्यालय ने तमाम परिवारों की तरह इस परिवार का भी भरण-पोषण का जिम्मा लिया. बिना किसी क्षेत्र, वर्ग की परवाह किये अनाज बैंक सदैव सबकी सहायता करता है.

वह परिवार लॉकडाउन जैसे समय में भी वाराणसी में आराम के साथ निवास कर रहा था मगर उस परिवार के बुजुर्ग पारिवारिक सदस्य, जो गाँव में थे, उनके लिए लगातार चिंता करते रहते थे. उनके बराबर जोर डालने पर, दवाब बनाने पर खजुरी का यह परिवार साइकिल से, पैदल वाराणसी से अपने गाँव के लिए निकल पड़ा. अनाज बैंक संस्थापक डॉ० राजीव श्रीवास्तव सहित अनाज बैंक वाराणसी की टीम ने उस परिवार को रोकने का बड़ा प्रयास किया मगर अपने घर के बुजुर्गों के दवाब के कारण वह परिवार अपने गाँव आ ही गया. चालीस-पैंतालीस दिन तक अनाज बैंक के संपर्क में रहने के कारण यह परिवार लॉकडाउन, कोरोना, क्वारंटाइन आदि के बारे में जान-समझ चुका था. इस कारण गाँव आने के पहले पूरे परिवार ने अपनी जाँच मेडिकल कॉलेज, उरई में करवाई तथा सबकुछ सामान्य होने के बाद भी अपने आपको चौदह दिन के क्वारंटाइन में रखा.

बेटी के बाबा के साथ शाखा प्रबंधक धर्मेन्द्र कुमार 

इस परिवार का संपर्क लगातार अनाज बैंक वाराणसी से तथा बुन्देलखण्ड की क्षेत्रीय शाखा उरई से बना रहा. अनाज बैंक निदेशक डॉ० अमिता सिंह लगातार इस परिवार को राशन सामग्री की सहायता उपलब्ध करवाती रहीं. यह जानकारी होने पर कि इस परिवार की बेटी का विवाह इसी 19 जून को संपन्न होना है अनाज बैंक ने इसमें अपनी सहभागिता परिवार की तरह करने का विचार बनाया. अनाज बैंक द्वारा इस परिवार की ख़ुशी में स्वयं को सम्मिलित किया गया. परिवार को न केवल सहायता करने बल्कि वैवाहिक आयोजन को पारिवारिक आयोजन मानकर अनाज बैंक बुन्देलखण्ड की तरफ से प्रयास किया गया.


अनाज बैंक संरक्षक माननीय इन्द्रेश जी के निर्देशानुसार संस्थापक राजीव जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. इसके साथ-साथ अनाज बैंक निदेशक डॉ० अमिता सिंह के निर्देशन में उरई शाखा टीम ने खजुरी गाँव पहुँचकर परिवार को यथासंभव खाद्य-सामग्री प्रदान की तथा बिटिया को वस्त्र-आभूषण तथा उसकी गृहस्थी से सम्बंधित आवश्यक सामान उपहारस्वरूप आशीर्वाद के साथ प्रदान किये. इस अवसर पर टीम ने वैवाहिक तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली. परिजन अनाज बैंक के इस कदम से अत्यधिक उत्साहित और प्रसन्न दिखे. बिटिया को भावी जीवन के सुखमय होने का आशीर्वाद.

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#हिन्दी_ब्लॉगिंग

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सार्थक जानकारी।
    सभी के जीवन में ऐसी ही खुशियाँ आयें।

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  2. बहुत ही बढ़िया पोस्ट ,अच्छी जानकारी के साथ

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  3. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (08-06-2020) को 'कुछ किताबों के सफेद पन्नों पर' (चर्चा अंक-3733) पर भी होगी।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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    -रवीन्द्र सिंह यादव

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  4. सभी के जीवन में ऐसी ही खुशियाँ आयें।

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