14 जनवरी 2019

खुद को खुद के साथ जिन्दगी बनाकर जियो


मित्रों की सलाह पर कुछ फेसबुकिया पोस्ट यहाँ एकसाथ...
+

घड़ी-घड़ी ऑनलाइन दिख जाते हो,
हमें ताकते तो या हमें सताते हो...
+

जिन्दगी भर का साथ तो जिन्दगी भी नहीं देती,
खुद को खुद के साथ जिन्दगी बनाकर जियो...
+

जितना दिखते थे तुम
उससे ज्यादा ज़ालिम निकले,
सबने सुनी आवाज़ मेरी
बस एक तुम ही न पलटे.
+

लगता है उन तक
मेरी आवाज पहुँचती नहीं,
पुकारता रहता हूँ उन्हें,
वो पलट कर देखते भी नहीं.
+

उन्हें ज़िन्दगी की कद्र ही नहीं,
जिन्हें ज़िन्दगी बना बैठे.
दिल हमने उन्हें अपना दिया,
वे उसे किसी और पर लुटा बैठे.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें