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देश प्रतिवर्ष 4 दिसम्बर को भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) मनाता है. इस दिन को मनाये जाने का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कारण है. आज ही के
दिन भारतीय जल सेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के अंतर्गत कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोला
था. तब से यह दिन उस युद्ध में भारतीय नौसेना की पाकिस्तानी नौसेना पर जीत की याद में
मनाया जाता है. दरअसल सन 1971 के युद्ध के दौरान 3 दिसंबर को भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान, जो अब बांग्लादेश के नाम से
जाना जाता है, में पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध युद्ध छेड़ चुकी थी. इस यु्द्ध में पहली
बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया. इसमें भारतीय नौसेना
का पोत आई०एन०एस० खुकरी डूब गया. इस जहाज में 18 अधिकारियों सहित
लगभग 176 नौसैनिक सवार थे. नौसेना ने पाकिस्तान के तीन जहाज नष्ट
कर दिए थे। इसका बदला लेने के लिए नौसेना प्रमुख एडमिरल एस०एम० नंदा के नेतृत्व में
ऑपरेशन ट्राइडेंट चलाया गया. इस अभियान की जिम्मेदारी 25वीं स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को दी गई.
4 दिसंबर
1971 को नौसेना ने कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना हेडक्वार्टर पर पहला
हमला किया. ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत हमला निपट, निर्घट और वीर
मिसाइल नावों ने किया. सभी नावें चार-चार मिसाइलों से युक्त थीं. बबरू भान यादव खुद
निपट नाव पर उपस्थित थे. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के अनेक जहाजों को नेस्तनाबूद
कर दिया गया. इसके साथ-साथ पी०एन०एस० खैबर, पी०एन०एस० चैलेंजर
और पी०एन०एस० मुहाफिज को मिसाइलों के हमले में बर्बाद कर डुबो दिया गया. पाकिस्तान
के ऑयल टैंकर भी तबाह किये गए. सूत्र बताते हैं कि कराची तेल डिपो में लगी आग की लपटों
को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था. इस आग को अगले
सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका. ऑपरेशन खत्म होते ही भारतीय नौसैनिक अधिकारी विजय
जेरथ ने संदेश भेजा फॉर पीजन्स हैप्पी इन द नेस्ट. रीज्वाइनिंग. इस पर
उनको जवाब मिला एफ 15 से विनाश के लिए;
इससे अच्छी दिवाली हमने आज तक नहीं देखी.
सन
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट के
अंतर्गत जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए नौसेना
दिवस मनाया जाता है. सभी वीर सैनिकों को शुभकामनायें, शहीदों को नमन.
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