22 अक्तूबर 2018

बिछड़ के मुझसे खुश रहते हो


बिछड़ के मुझसे खुश रहते हो
तुम क्यों झूठी बातें करते हो.

चाँद सितारे जगमग जगमग
लगता है जैसे तुम हँसते हो

भौंरा कलियों बीच छिपा यूँ,
जैसे तुम ख़ुद में छिपते हो.

कैसे मेरे साथ चलोगे
तुम तो दुनिया से डरते हो.

ज़र्रा ज़र्रा चहके तुमसे
और तुम ही गुमसुम रहते हो.

जाने क्या कैसा रिश्ता है
अपने अपने से लगते हो.

+
कुमारेन्द्र किशोरीमहेन्द्र
21-10-2018

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