उरई शहर में प्रशासन और नगर पालिका द्वारा मिलकर अतिक्रमण हटाया जा रहा है. इसमें भी वही कहावत सिद्ध हो रही है, अँधा बांटे रबड़ी, चीन्ह-चीन्ह के दे. जहाँ मर्जी चल रही है वहां प्रशासन की मशीन तोड़-फोड़ मचा रही है, जहाँ मन नहीं कर रहा है वहां कुछ नहीं हो रहा.
इसके अलावा नगर पालिका परिषद्, उरई द्वारा भी मनमौजी तरीके से काम किया जा रहा है. बगावती तेवर दिखाने के बाद विजयी हुए अध्यक्ष को लगता है कि वे जो कर रहे हैं, सब सही है. यही सोच कर उनके द्वारा शहर के फुटपाथ पर पार्किंग का ठेका उठा दिया गया है. ऐसा एक-दो जगह नहीं वरन कई जगह किया गया है.
शहर में आलिया बने मॉलनुमा जगहों पर भी अघोषित रूप से पार्किंग का ठेका दे दिया गया है. जिला चिकित्सालय के सामने तो बाकायदा बैनर लगा हुआ है, साथ ही डंडों की मदद से जगह का निर्धारण भी कर दिया गया है. वास्तविकता ये है कि इसी जगह से कुछ वर्ष पहले जिलाधिकारी महोदय ने खुद आकर ये डंडे हटवाए थे. आज नगर पालिका उन हाथों में खेल गई, जिन्होंने चुनाव में धन-बल का लाभ दिया.
इसके अलावा नगर पालिका द्वारा फुटपाथ पर ही निर्माण कार्य करवा दिया गया है. इससे भी सम्बंधित जगह बाधित हुई है. विडम्बना देखिये ये शौचालय क्षेत्राधिकारी कार्यालय के ठीक बगल में स्थित है.
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