विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत अब विकासशील देश
नहीं रहा. विश्व बैंक ने देश को विकासशील से अलग करते हुए ‘निम्न मध्य आय’ वर्ग
में शामिल किया है. विश्व बैंक ने अपने नए आंकड़े जारी करते हुए देशों को विकसित
और विकासशील के बीच बांटने की प्रथा को खत्म कर दिया है. अब तक कम और मध्यम आय
वाले देश विकासशील कहे जाते थे और ज्यादा आय वाले देश विकसित देश कहलाते थे. नई
श्रेणीकरण व्यवस्था के अनुसार विकसित देशों को अब उच्च आय वाले देश कहा जाएगा, जबकि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान
जैसे देशों को निम्न मध्य आय वाला देश कहा जाएगा. चीन, मैक्सिको
और ब्राजील जैसे देशों को उच्च-मध्य आय वाले देशों की श्रेणी में शामिल किया गया
है. विश्व बैंक वैश्विक स्तर पर समस्त देशों को चार आय समूहों में वर्गीकृत करता
है. नए वर्गीकरण के मुताबिक पहली श्रेणी में उन देशों को शामिल किया गया है, जिनकी
प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 1,045 डॉलर से कम है, उन्हें निम्न आय देश या अर्थव्यवस्था कहा जाएगा. जिन देशों
की यही आय 1,046 डॉलर से लेकर 4,125 डॉलर के बीच है उन्हें निम्न मध्यम आय देश कहा जाएगा, ये दूसरे प्रकार की
श्रेणी है. जिन देशों की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 4,126 डॉलर से लेकर 12,735 डॉलर के बीच है वे देश उच्च मध्यम आय वाली श्रेणी में शामिल होंगे. चौथी
और अंतिम श्रेणी में विश्व की उन अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें
उच्च आय अर्थव्यवस्था कहा गया है और जिनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 12,736 डॉलर से ऊपर है. इस अवधारणा के अनुसार उच्च आय वाले देश
ही विकसित देशों में शामिल माने गए शेष समस्त आय वाले देशों को विकासशील देश
स्वीकारा जाता रहा है.
सामान्य अर्थों में विकासशील
देश वे देश होते हैं जिन्होंने अपनी जनसंख्या के सापेक्ष औद्योगीकरण के स्तर को
प्राप्त नही किया होता है और जिनमें, अधिकतर, जीवन स्तर निम्न से मध्यम वर्गीय होता है।
निम्न आय और उच्च जनसंख्या वृद्धि के बीच एक मजबूत सहसंबंध होता है. देखा जाये तो विकासशील शब्द के पीछे
एक तरह की हीनता का बोध भी छिपा रहता है. इसमें आर्थिक विकास के परम्परागत पश्चिमी
मॉडल को अपनाने की इच्छा छिपी रहती है. इसी के चलते क्यूबा जैसे देशों ने इस
अवधारणा को नकार दिया है. हीनताबोध का भाव रखने के कारण ही विकासशील देश शब्द के
प्रयोग की आलोचना भी होती रहती है. इसके प्रयोग में विकसित देशों के मुकाबले
विकासशील देशों की हीनता अन्तर्निहित है, जिसे कई देश पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में विश्व बैंक के नए श्रेणीकरण के बाद देश का विकासशील देशों की श्रेणी
से बाहर आना देश के लिए हितकारी होगा अथवा नहीं, इसके भावी परिणामों पर निर्भर
करेगा. विश्व बैंक के इस फैसले से भारत अब ब्रिक्स देशों में सबसे
नीचे पहुँच गया है. नए वर्गीकरण के बाद ब्रिक्स देशों के समूह में ब्राजील, तीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को उच्च मध्यम आय देश कहा गया
है. इसके साथ ही भारत को अपनी आर्थिक स्थितियों और अन्य दूसरे सूचकांकों के आधार
पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान,
म्यांमार, जाम्बिया और घाना जैसे देशों के साथ
शामिल होना पड़ रहा है. प्रथम दृष्टया ये तथ्य किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है
कि भारत की आर्थिक स्थिति उसके पड़ोसी देशों की आर्थिक स्थिति के समकक्ष घोषित कर
दी गई है. ऐसी अस्वीकार्यता इस कारण से भी है क्योंकि भारत की प्रति व्यक्ति आय 7.4
प्रतिशत तक बढ़ गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की प्रति
व्यक्ति आय 86 हज़ार 879 रुपये से
बढ़कर 93 हज़ार 293 रुपये हो गई है.
कुल राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि हुई है, यह पिछले वर्ष के मुकाबले 7.5 प्रतिशत बढ़ गई है. अनुमान के अनुसार 2015-16 में
भारत की कुल आय 112 लाख करोड़ रुपये जबकि 2014-15 में भारत की कुल आय 104 लाख करोड़ रुपये थी. भारत की
प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय वर्ष 2014 के अनुसार 1610 डॉलर है जबकि यही वर्ष
2013 के अनुसार 1499 डॉलर थी.
विश्व बैंक आज से नहीं वरन विगत कई दशकों से विश्व के समस्त
देशो की रैंकिंग करता आ रहा है. इसके लिए वह किसी देश के आर्थिक आधार, वहाँ के नागरिकों का रहन सहन, उनकी
आर्थिक स्थिति, जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय, सकल घरेलू आय आदि मानकों
के आधार पर निर्धारित करता है कि कौन सा देश किस आय वर्ग में शामिल माना जाये. यद्यपि
विश्व बैंक ने विकसित और विकासशील देशों के नाम पर किया जाने वाला वर्गीकरण समाप्त
कर दिया है तथापि सामान्य बोलचाल में विकसित और विकासशील देश की अवधारणा प्रयोग में बनी हुई है. विश्व बैंक
के अनुसार भारत में बिजली उत्पादन की दर कम है; रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं
हैं, जिससे बेरोजगारी की दर बढ़ रही है; स्वच्छता के मामले में देश अभी पीछे है; व्यापार
करना आसान नहीं है. इन कारणों के साथ-साथ प्रति व्यक्ति सकल
राष्ट्रीय आय के आधार पर भी भारत को निम्न मध्यम आय श्रेणी में रखा गया है. यहाँ
ये स्मरण रखना आवश्यक हो जाता है कि विश्व बैंक
द्वारा निर्धारित कुछ सूचकांकों के अनुसार भी भारत की स्थिति वैश्विक स्तर पर
अच्छी नहीं कही जाएगी.
नौ अन्य
इंडिकेटर पर भारत और वैश्विक औसत
सूचक
|
भारत
|
वैश्विक औसत
|
नया बिजनेस शुरू करने में समय (दिन)
|
29
|
20
|
मैटरनल मॉर्टैलिटी रेशियो (2015)
|
174
|
216
|
कुल जीडीपी का शेयर बाजार में पूंजीकरण (फीसदी)
|
76
|
94
|
सरकार द्वारा लिया गया टैक्स (जीडीपी का प्रतिशत)
|
11
|
14
|
कुल जनसंख्या में लेबर फोर्स (फीसदी)
|
54
|
63
|
राष्ट्रीय संरक्षित भूमि (फीसदी)
|
3.1
|
12.8
|
कुल जनसंख्या में शौचालय की सुविधा (फीसदी)
|
40
|
68
|
कुल बिजली पैदावार (बिलियन किलोवाट)
|
1,193
|
23,342
|
प्रति व्यक्ति उर्जा का इस्तेमाल (किलोग्राम तेल)
|
606
|
1,894
|
(सन्दर्भ, विश्व बैंक रिपोर्ट. स्त्रोत - http://www.ichowk.in/economy/world-bank-new-classification-says-india-a-low-medium-income-economy/story/1/3492.html)
विश्व बैंक के इस श्रेणीकरण से देश की विकासपरक स्थिति
स्पष्ट होती दिखती है. विश्व बैंक द्वारा किये गए श्रेणीकरण के बाद देश भले ही
निम्न मध्यम आय अर्थव्यवस्था वाला देश समझा जा रहा हो किन्तु विश्व बैंक ने भारत
को इस समय दुनिया की सबसे तेज विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था स्वीकारा है. उसके
अनुसार भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और एक आकंड़े के मुताबिक वह 2026 तक उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा, जबकि चीन यह उपलब्धि 2018 में ही हासिल कर सकता है. विश्व
बैंक द्वारा देश को निम्न मध्यम आय देशों में शामिल करना भले ही सहजता प्रदान का
करता हो किन्तु इस श्रेणीकरण के साथ ही साथ वह यह भी स्वीकार करता है कि इस शब्द
का प्रयोग सुविधा के लिए किया जा रहा है. हमारा आशय यह नहीं है कि इस समूह की सभी अर्थव्यवस्थाएं
एकसमान विकास की प्रक्रिया से गुजर रही हैं अथवा अन्य अर्थव्यवस्थाएं विकास की
पसंदीदा अथवा अंतिम अवस्था पर पहुँच गयीं हैं. स्पष्ट है कि निम्न मध्यम आय वर्ग
में भारत से ऊपर और नीचे बहुत से देश हैं. ऐसे में यदि आने वाले दिनों में यहाँ की
अर्थव्यवस्था को निम्न मध्यम आय से ऊपर उच्च मध्यम आय वर्ग में शामिल करवाना है तो
सरकार को विश्व बैंक के सूचकांकों के आधार पर बेहतर सेवाएँ विकसित करनी होंगी वहीं
सभी नागरिकों को समवेत रूप में देशहित में कार्य करने होंगे.
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति ब्लॉग बुलेटिन - चार विभूतियों की पुण्यतिथि में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
जवाब देंहटाएंअगर आप ऑनलाइन काम करके पैसे कमाना चाहते हो तो हमसे सम्पर्क करें हमारा मोबाइल नम्बर है +918017025376 ब्लॉगर्स कमाऐं एक महीनें में 1 लाख से ज्यादा or whatsap no.8017025376 write. ,, NAME'' send ..
जवाब देंहटाएं