इसे यदि इंतहा न कहा जाये तो क्या कहा जाये? शासन-सत्ता के संचालन में सारी हदें पार कर चुके हमारे मनमोहन से प्यारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अब तो देश की नाक ही कटा दी। देश को सबसे अलग दिखाने के प्रयास में, शान्ति का अग्रदूत बताने के चक्कर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शान्तिपुरुष तक बता दिया।
यदि एक क्षण को देश के किसी भी चिकित्सालय में जाकर तुरन्त पैदा हुए शिशु से भी पूछा जाये तो वह तुरन्त, बिना किसी हिचकिचाहट के पाकिस्तान को दोषी करार दे देगा। देश में हो रही तमाम सारी विसंगतियों के लिए बहुत हद तक पाकिस्तान ही जिम्मेवार है, इसके बाद भी उनके प्रधानमंत्री शान्तिपुरुष हैं।
इससे अधिक विद्रूपता की स्थिति क्या होगी कि आये दिन हम पाकिस्तान की मदद से होते आ रहे आतंकी हमलों को देख रहे हैं। आये दिन इन हमलों में अपने लोगों को मरते हुए देख रहे हैं। ऐसी स्थिति के बाद भी हमें अपने प्रधानमंत्री की बकवास को सुनने को विवश होना पड़ रहा है।
उनके इस बयान के बाद सिर्फ और सिर्फ एक बात ही याद आती है कि यदि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शान्तिपुरुष हैं तो कसाब को शान्तिदूत घोषित कर देना चाहिए। साथ ही साथ अभी तक पाकिस्तान की ओर से जो भी आतंकी हमले देश पर हुए हैं उन्हें शान्ति स्थापना के लिए उठाये गये क्रियात्मक कदम बताया जाना चाहिए।
शाबास हमारे महान सत्ताधारी महोदय, आपके हाथ में ही देश का भविष्य सुरक्षित है।
इन्होने देश की नाक छोड़ ही कहाँ जो अब कटेगी !!
जवाब देंहटाएंदेश की नाक तो ये छद्म सेकुलर,भ्रष्टाचारी, चापलूस कब की कटवा चुके|
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अब समय आ गया है जब मज़बूरी को नया नाम दे दिया जाए ... सरदार मनमोहन सिंह ... समय समय पर उन्होंने यह साबित किया है कि मज़बूरी भी इतनी मजबूर नहीं है जितने वो है !
जवाब देंहटाएंमैं तो अब सोच रहा हूँ कि यमदूत कैसे होते होंगे?
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