आज वर्ष 2010 का आखिरी दिन है और आज की यह पोस्ट हमारी भी इस वर्ष की आखिरी पोस्ट है। काल को लेकर किसी भविष्यवाणी को निश्चित तौर पर नहीं किया जा सकता है किन्तु इस भविष्यवाणी को तो निश्चित रूप से किया ही जा सकता है। बहरहाल...
वर्ष 2010 देश के लिए अच्छा भी गुजरा और बुरा भी गुजरा। अच्छा समय जल्द निकल जाता है सो देश का भी अच्छा समय बहुत जल्द निकल गया किन्तु बुरे दिन ने अभी तक भी पीछा नहीं छोड़ा है। देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने की दृष्टि से कई कार्य हुए और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाले कुकृत्य भी सामने आये।
ईमानदारी की मिसाल कायम की जाती रही वहीं भ्रष्टाचार ने इस बार देश में रिकॉर्ड उत्पादन किया। समझ नहीं आया कि एक के बाद एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले किस तरह और कैसे सामने आते रहे। हर घोटाला, हर भ्रष्टाचार दूसरे से आगे, ठीक वही हाल कि तेरा भ्रष्टाचार मेरे भ्रष्टाचार से बड़ा कैसे।
कुछ समय बाद हम नये वर्ष का स्वागत कर रहे होंगे। यही वह समय होता है जबकि हम पुरानी बातों को एकदम से भुला चुके होते हैं। हमें उल्लास में, स्वागत करने की ललक में बीते वर्ष की यादों को साथ में रखने का भी अवसर नहीं होता है। मस्ती में झूम कर एक दूसरे को बधाइयां, शुभकामनाएं देने में लग जाते हैं।
आइये, आज के दिन हम भले ही बीते वर्ष की कड़वी बातों को याद नहीं करना चाहते हैं पर इतना तो याद ही रखें कि ऐसा बहुत कुछ हुआ है जो देश को तोड़ रहा है। हम भी इस टूटन का शिकार किसी न किसी रूप में हो रहे हैं। आरक्षण की मांग पर रेलवे का जाम कर देना, सैकड़ों लीटर दूध बहा देना, मंहगाई के नाम पर बस बयानबाजी करना, स्मारकों के नाम पर जनता के धन की बर्बादी करना, जांच करवाने की फरमाइश और संसद का गतिरोध, आतंक के सफाये के स्थान पर नये आतंकवाद का नामकरण कर देना आदि-आदि बहुत कुछ ऐसा है जो कल चैन से बैठने नहीं देगा।
आज के लिए नहीं आने वाले कल के लिए आइये अब दृढ़ता के साथ संकल्प करें। क्या करें यह हम नहीं बतायेंगे, आप स्वयं तय करें, बस कुछ सकारात्मक संकल्प करें। हमने अपने लिए बहुत कुछ किया अब कुछ देश के लिए भी करें। अपने लिए धन बहुत कमाया अब देश के धन का सदुपयोग करें। कुछ ऐसा करें जो सार्थक हो और जो देशहित में भी हो।
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ....
ScrapU
वर्ष 2010 देश के लिए अच्छा भी गुजरा और बुरा भी गुजरा। अच्छा समय जल्द निकल जाता है सो देश का भी अच्छा समय बहुत जल्द निकल गया किन्तु बुरे दिन ने अभी तक भी पीछा नहीं छोड़ा है। देश की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने की दृष्टि से कई कार्य हुए और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाले कुकृत्य भी सामने आये।
ईमानदारी की मिसाल कायम की जाती रही वहीं भ्रष्टाचार ने इस बार देश में रिकॉर्ड उत्पादन किया। समझ नहीं आया कि एक के बाद एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले किस तरह और कैसे सामने आते रहे। हर घोटाला, हर भ्रष्टाचार दूसरे से आगे, ठीक वही हाल कि तेरा भ्रष्टाचार मेरे भ्रष्टाचार से बड़ा कैसे।
कुछ समय बाद हम नये वर्ष का स्वागत कर रहे होंगे। यही वह समय होता है जबकि हम पुरानी बातों को एकदम से भुला चुके होते हैं। हमें उल्लास में, स्वागत करने की ललक में बीते वर्ष की यादों को साथ में रखने का भी अवसर नहीं होता है। मस्ती में झूम कर एक दूसरे को बधाइयां, शुभकामनाएं देने में लग जाते हैं।
आइये, आज के दिन हम भले ही बीते वर्ष की कड़वी बातों को याद नहीं करना चाहते हैं पर इतना तो याद ही रखें कि ऐसा बहुत कुछ हुआ है जो देश को तोड़ रहा है। हम भी इस टूटन का शिकार किसी न किसी रूप में हो रहे हैं। आरक्षण की मांग पर रेलवे का जाम कर देना, सैकड़ों लीटर दूध बहा देना, मंहगाई के नाम पर बस बयानबाजी करना, स्मारकों के नाम पर जनता के धन की बर्बादी करना, जांच करवाने की फरमाइश और संसद का गतिरोध, आतंक के सफाये के स्थान पर नये आतंकवाद का नामकरण कर देना आदि-आदि बहुत कुछ ऐसा है जो कल चैन से बैठने नहीं देगा।
आज के लिए नहीं आने वाले कल के लिए आइये अब दृढ़ता के साथ संकल्प करें। क्या करें यह हम नहीं बतायेंगे, आप स्वयं तय करें, बस कुछ सकारात्मक संकल्प करें। हमने अपने लिए बहुत कुछ किया अब कुछ देश के लिए भी करें। अपने लिए धन बहुत कमाया अब देश के धन का सदुपयोग करें। कुछ ऐसा करें जो सार्थक हो और जो देशहित में भी हो।
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ....
ScrapU
बस इतना ही कह सकता हूँ ...
जवाब देंहटाएंइस रिश्ते को यूँही बनाये रखना,
दिल में यादो के चिराग जलाये रखना,
बहुत प्यारा सफ़र रहा 2010 का,
अपना साथ 2011 में भी बनाये रखना!
नव वर्ष की शुभकामनायें!
नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएँ
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