29 दिसंबर 2010

चिट्ठाजगत स्वस्थ, सानन्द है तो कोई हमें भी तो मिलवा दे




विगत दो वर्षों से अधिक की यात्रा हो चुकी है ब्लॉग संसार में। शुरुआती दौर में अपने ब्लॉग को अधिक से अधिक लोगों तक कैसे पहुँचाया जाये, इसकी कोशिश में लगे रहे, हाँ, ई-मेल भेज-भेज कर किसी को परेशान नहीं किया।

ब्लॉग बनाने के बाद जानकारी के अभाव में दूसरे ब्लॉगों को देखकर, उनमें बने नारद, ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत आदि के लोगो देख कर इन एग्रीगेटर को जानना-समझना शुरू किया। धीरे-धीरे जान-परख कर इन पर अपने ब्लॉग को पंजीकृत भी करवा दिया।


चित्र गूगल छवियों से साभार

समय की कमी या फिर स्वयं को प्रतिस्थापित करने की वजह से ब्लॉग संसार के चाल-चलन के मुताबिक स्वयं को ढाल नहीं सके। दूसरे अच्छे ब्लॉग को अधिक से अधिक पढ़ने का प्रयास बना ही रहता किन्तु किसी कारणवश टिप्पणी के द्वारा अपनी उपस्थिति को दर्ज नहीं करवा पाते।

इधर अपनी ब्लॉग संसार के प्रति अज्ञानता जैसी स्थिति के कारण बहुत सारे ब्लॉग का अनुसरण भी नहीं किया और बहुत से अच्छे ब्लॉगों की लिंक भी सहेज नहीं सके। अब इधर हुआ यह कि नारद जी तो पहले ही नाराज हो चले थे। इसके बाद ब्लॉगवाणी ने भी अपने आपको विराम सा लगा दिया। (विराम सा क्या, विराम ही लगा दिया।)

पिछले कुछ समय से चिट्ठाजगत की हालत भी पतली रही। हाँ बीच में कुछ और एग्रीगेटर ने आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी चाही पर.............। चिट्ठाजगत की बन्द सी स्थिति के बीच एक दिन समाचार मिला कि चिट्ठाजगत स्वस्थ एवं सानन्द हैं।

समाचार सुना तो प्रसन्नता हुई किन्तु हालत वही ढाक के तीन पात। हम कोशिश कर-कर के हार गये किन्तु इस जगत से सामना नहीं हो सका।

आप सभी से आग्रह है, जिन्होंने चिट्ठाजगत को स्वस्थ एवं सानन्द देखा है, वे उसका लिंक बता देवें ताकि हम भी इस जगत में विचरण कर सकें। इस विचरण से हम अपने ब्लॉग को तो दूसरों को दिखा सकते ही हैं साथ ही दूसरे ब्लॉग को भी तो देख सकते हैं।

हालांकि इस बीच हमारीवाणी ने भी दस्तक दे दी है पर उसमें अन्य ब्लॉगों की उपस्थिति देखकर ऐसा लग रहा है कि अभी उसका विश्वास ब्लॉगरों पर जमा नहीं है।

हम अभी अपनी गलती से जहाँ-जहाँ नहीं पहुँच पा रहे हैं वे लोग हमें क्षमा करेंगे। हम प्रयास में हैं कि समय निकाल कर सभी की लिंक जुटा लें, उसी के बाद आप सभी से नियमित मुलाकात की जा सके।

इसके बाद भी आप सभी से निवेदन है कि यदि चिट्ठाजगत स्वस्थ और सानन्द हैं तो उनसे मिलने में हमारी भी मदद करें।


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