07 मार्च 2010

और भी बहुत कुछ है ब्लॉग पर इनके अलावा लिखने को !!!

क्या हो गया है ब्लाग के तमाम साथियों को?

यह प्रश्न हमारा स्वयं अपने आप से है क्योंकि पता नहीं आप सभी से प्रश्न पूछने का अधिकार है भी या नहीं? यह प्रश्न इस कारण से उभरा क्योंकि पिछले तीन-चार दिनों से देखने में आ रहा है कि ब्लाग पर तीन चार विषय ऐसे आ गये हैं जिन पर सभी कोई अपने कम्प्यूटर के की-बोर्ड को खटखटाकर पोस्ट दे मारना चाहता है।



इस तरह के विषयों में नारी को आधार बनाकर अश्लीलता, प्रदर्शन, पुरुष चर्चा आदि को स्थान दिया जा रहा है। इसके अलावा हुसैन भी इस समय ब्लाग की हाट सीट पर बैठे हुए तमाम सारी पोस्ट को अपने पक्ष में कर रहे हैं।

हुसैन को आधार बनाकर हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धी पोस्ट लिखी गईं हैं।


लगा कि ब्लाग के साथियों के पास विषय का अभाव सा है। यह भी विचार आया कि ब्लाग का हाल फिल्म संसार जैसा हो गया है, कोई एक विषय पर फिल्म हिट हो गई और सभी लगे धड़ाधड़ उसी विषय पर फिल्म बनाने।

अरे साथियो! और भी बहुत कुछ है लिखने को, हम सभी को पढ़ाने को। कुछ ऐसा लिखो कि हमें भी लगे कि हाँ, यह विषय है।

बहुत कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि हमारे पास भी नहीं है कुछ लिखने को। वैसे भी इस समय हम कुछ असमंजस की स्थिति में हैं ब्लाग पर अपनी उपस्थिति को लेकर, इस कारण जो भी लिखा जा रहा है, बस लिखा ही जा रहा है।

निवेदन उन लोगों से है जो अच्छा लिख रहे हैं और पाठक भी खींच रहे हैं, कम से कम वे तो साधारण से विषयों और मुद्दों में न बहकें।
पूर्ण समन्वित
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चित्र गूगल छवियों से साभार

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