01 दिसंबर 2009

आज भी अनाड़ी हैं ब्लॉग के मामले में

ब्लाग पर आये हुए डेढ़ वर्ष से ज्यादा होने को आया है, तीन सौ से ऊपर पोस्ट अपने इसी ब्लाग पर लगा चुके हैं। इसके अतिरिक्त दूसरे सामुदायिक ब्लाग के अलावा भी अपने दूसरे ब्लाग पर भी समय-समय पर कुछ न कुछ पोस्ट करते रहते हैं। इतने सबके बाद भी लगता है कि अभी भी हमें कुछ नहीं आता है।
बहुत बार समझने का प्रयास किया कि ब्लाग पर पोस्ट करने का तरीका (विषय-सामग्री को लेकर) क्या है? क्या पोस्ट करें, क्या नहीं? कौन सा विषय सबको लाभान्वित करेगा, कौन से विषय से लोगों को दिक्कत होगी? किन समस्याओं का ब्लाग पर उठाया जाना सही है और किस तरह की भाषा-शैली यहाँ उचित रहेगी?

ऐसे बहुत से प्रश्न लगातार मन में उठते रहते हैं और इन्हीं के बीच हम कुछ न कुछ पोस्ट करने का तरीका निकाल लेते हैं। चलने की कोशिश में कई बार लड़खड़ाकर गिरना भी होता है किन्तु सँभल भी जाते हैं, सँभाल भी लिया जाता है।
आज इस पोस्ट के द्वारा यही सवाल कि आखिर ब्लाग पर सही लेखन किसे ठहराया जाये? किस प्रकार की सामग्री का प्रदर्शन किया जाये? किस भाषा-शैली का प्रयोग किया जाये?
(अभी बिजली ने इतना ही मौका दिया है, कालेज से आने के बाद के लगभग बीस मिनट, उतने में आप सभी को परेशान करने आ गये। अब हमारी समस्या सुलझा दीजिएगा।)
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चित्र साभार गूगल छवियों से


9 टिप्‍पणियां:

  1. यह जीवन हमेशा कुछ न कुछ नयी शिक्षा देते रहता है :)

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  2. आपके लेख पर मिली प्रतिक्रियाओं से कुछ ज्ञान हम भी प्राप्त कर लेंगे ...!!

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  3. संसार इसी का नाम है जो कदम कदम पर कुछ न कुछ सिखाता है, यही जि्न्दगी है।

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  4. सीखते चलो, सिखाते चलो!!!


    मगर चलते रहो!!

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  5. मैने अपने 5 ब्लॉग विषयानुसार बनाये है ।
    1 - शरद कोकास - मेरी और मित्रों की कविता के लिये
    2- पुरातत्ववेत्ता - इतिहास बोध के लिये
    3- ना जादू ना टोना - वैज्ञानिक दृष्टि के विकास के लिये
    4- आलोचक - हिन्दी आलोचना के लिये
    5 - पास पड़ोस- सामाजिक विषयों के लिये
    एक और है 6- अंसार संसार - हिन्दी और उर्दू के आपसी समंवय के लिये ।
    आप देखेंगे कि बहुत से ब्लॉगर्स ने इसी तर्ह विषयवार अपने ब्लॉग्स बनाये है और निरंतर लिख रहे है । आप तो सब जानते ही है रायटोक्रेट जी ... फिर भी .....

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  6. इस विषय में तो हम भी आपकी तरह ही अनाडी हैं :)

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  7. अनाड़ी ही खिलाड़ी बनता है,वैसे आपका नाम हिन्‍दी के प्रतिष्ठित ब्‍लगरो में है, इसलिये तकनीकि कमी को अनाड़ी कहना ठीक नही।

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  8. आज इस पोस्ट के द्वारा यही सवाल कि आखिर ब्लाग पर सही लेखन किसे ठहराया जाये? किस प्रकार की सामग्री का प्रदर्शन किया जाये? किस भाषा-शैली का प्रयोग किया जाये?


    koi maksad haen jeeevan ka jo puraa nahin hota jab tak aur log ko usmae naa dalaa jaayae

    agar haan to blog ko jariyaa banaye apni baat auro tak pahuchane kaa

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