29 अक्टूबर 2009

इनके प्रयास और मेहनत को भी सराहा जाए



आज शाम अपने मित्र डा0 वीरेन्द्र सिंह यादव के साथ उनके घर पर बैठे हुए थे। बातें करने के दौरान ही पास पड़े हुए एक समाचार-पत्र के पन्ने पर नजर गई। समाचार का शीर्षक देखकर उसे पढ़े बिना नहीं रहा गया।
ज्यादा कुछ न कह कर आपके सामने उस समाचार की स्कैन कापी है। आप देखिये और समाज के इस वर्ग के दर्द का भी एहसास कीजिए।
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इसे भी ध्यान दें---आपको बतातें चलें कि शैक्षिक लोन सरकार द्वारा इस आश्वासन के साथ दिया जाता है कि देश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए लिए जा रहे पाँच लाख रुपये तक के लोन पर किसी तरह की गारंटी की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद भी सरकारी नौकर (बैंक कर्मचारी, अधिकारी, मैनेजर आदि) बिना गारंटी के किसी भी तरह से एजूकेशन लोन नहीं देते हैं।

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