इधर पिछले पाँच-छः दिन से तबियत कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई थी। हालत ये थी कि बैठा भी नहीं जा पा रहा था। लेते-लेते दिन कटे। आज कुछ हिम्मत करके आए। इन दिनों चुपचाप गाने-ग़ज़ल सुनते रहते थे। अपने पसंद की एक ग़ज़ल आपके लिए भी।
हलाँकि जगजीत सिंह हमारे बहुत अधिक पसंदीदा नहीं हैं फ़िर भी उनकी कुछ ग़ज़ल बहुत पसंद हैं। उनमे से एक ग़ज़ल आपके लिए
अच्छी ग़ज़ल है। लेकिन आप के स्वास्थ्य को क्या हुआ? मैं भी एक सप्ताह वायरल भोग चुका हूँ।
जवाब देंहटाएंNice! Get Add-Hindi button widget, It will increase your blog visitors and traffic with top Hindi Social Bookmarking sites. Install button from www.findindia.net
जवाब देंहटाएंसुन्दर गज़ल के लिये धन्यवाद और आपके स्वास्थ्य के लिये शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंथक गया मैं याद करते करते तुझको
जवाब देंहटाएंअब तुझे मैं याद आना चाहता हूँ
ये ग़ज़ल हेमेशा से ही चाहिती रही है जगजीत साहिब की आवाज में बहोत बहोत बधाई इस नायब ग़ज़ल को सुनवाने के लिए और तबियत का खासा ख़याल रखें... आजकल मौसम बहोत खराब है ...
अर्श
sahebji sabse pahle swasth ho jaao
जवाब देंहटाएंaap jaise umda blogar ko beemaar hone ka koi hak nahin hai....
swasth raho
mast raho
aur vyast raho
wish you all the best............