नमस्कार, आप सबके सामने अपनी सौंवीं पोस्ट ला रहे हैं। चूंकि देश में बहुत सारे विषयों पर चर्चा है करने को पर पिछली पचासवीं पोस्ट की तरह किसी दुखद घटना को सामने नहीं लाना चाह रहे हैं इस कारण आप सबके सामने अपनी लिखी अनेक कविताओं में से सबसे प्रिय कविता रख रहे हैं। आप भी उसका रसास्वादन करिए और उस संसार में विचरण कर आइये जहाँ से आने के बाद लाख कोशिशों के बाद कोई भी नहीं जा सकता।
------------
हर बात सुहानी लगती थी, उस प्यारे से बचपन में।
हम मौज मस्त में डूबे थे उस प्यारे से बचपन में॥
--------
वो प्यारे संगी साथी सारे, वे गाँव की धूल भरी गलियां।
ओढ़ के चादर अल्ल्हड़ता की, गलिओं में दौड़ा करते थे।।
खेतों की वो हरियाली से, मन का मतवाला हो जाना।
वो बाग़ बगीचों की मस्ती, पेड़ों पर झूला करते थे॥
सुहानी भोर की प्यारी धुन, ढलती शाम का मस्त समां।
सब कुछ अलबेला लगता था, उस प्यारे से बचपन में॥
-----
सावन के बलखाते झूलों से, उड़ करके नभ को छू लेना।
काले बादल की रिमझिम में, मस्ती में भीगा करते थे॥
थक करके जब भी आयें हम, माँ के आँचल की छाँव मिले।
दादी से किस्से सुन-सुन कर, सपनों में उड़ते रहते थे॥
पंछी की तरह से उड़ जाना, बहती नदिया जैसा बहना।
सब कुछ कितना मासूम सा था, उस प्यारे से बचपन में॥
------
जीवन के तंग झमेलों में फंस, भूले बचपन की मुस्कानें।
न दौड़ सके फ़िर बागों में, फ़िर बारिश में न भीग सके॥
रुपया, पैसा, रोटी, कपड़ा, इस चक्रव्यूह में उलझ गए।
बचपन रूठा, घर भी छूटा, माँ के आँचल में फ़िर सो न सके॥
याद सुहाने बचपन की अब, इस दिल को धड़का देती है।
सिरहन सी मचती है तन में, मन को चंचल कर जाती है।।
थके हुए इस टूटे दिल की, अब तो इतनी ख्वाहिश है।
ले जाए फ़िर से कोई हमें, उस प्यारे से बचपन में॥
सौं वी पोस्ट और इतनी जबरदस्त कविता. वाह वाह!!
जवाब देंहटाएंलगाते रहिये शतक पर शतक और सुनवाते रहिये ऐसी ही उम्दा रचनाऐं..
बहुत बहुत बधाई और अनेक शुभकामनाऐं.
:)
सुंदर किवता और सौवीं पोस्ट के िलए ढेर सारी बधाइयां ।
जवाब देंहटाएंसौंवी पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें। आपकी प्रिय कविता हमको भी प्यारी लगी।
जवाब देंहटाएंसौवीं पोस्ट पर बधाई!
जवाब देंहटाएंलिखते रहें, सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम्!
ले जाए फ़िर से कोई हमें, उस प्यारे से बचपन में॥
जवाब देंहटाएंशतक के लिए बधाइयां
Badhaiiiiiiiii
जवाब देंहटाएंBadhaiiiiiiiiiiiii
Badhaiiiiiiiiiiiiiiii
Badhaiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
कहां फंस गये भाई... कुछ लिखो अब....
जवाब देंहटाएंसुंदर कविता अच्छी लगी/सौंवी पोस्ट के लिए बहुत-बहुत बधाई/
जवाब देंहटाएं