04 अगस्त 2024

बांग्लादेश की हिंसा से भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता

एक अपील या एक निवेदन सभी से.

 

सोशल मीडिया पर आप सब जितना समय देते हैं, बिलकुल दें, उसे कम न करें मगर अब अपने आसपास भी ध्यान देने की आवश्यकता है. बांग्लादेश के घटनाक्रम के बाद और भी सजग होने की आवश्यकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहाँ के हालात के केन्द्र में आरक्षण या कहें कि कोटा सिस्टम है. एक ऐसा कोटा सिस्टम जो कतिपय राजनैतिक सोच के चलते, राष्ट्रवादी सोच को स्थापित करने की दृष्टि से उन परिवारों को प्रदान किया जा रहा था जो बांग्लादेश मुक्ति वाहिनीं से सम्बंधित थे.

 

वहाँ जिस कोटा सिस्टम के विरुद्ध हिंसात्मक कार्यवाही की गई, यदि एक नजरिये से देखें तो वह कोटा वहाँ की राष्ट्रवादी सोच से सम्बंधित है, उस मुक्ति वाहिनी के परिजनों के लिए है जिन्होंने बांग्लादेश निर्माण में अपना साथ दिया. स्पष्ट है कि वे लोग ही उस कोटा के खिलाफ होंगे जो बांग्लादेश राष्ट्रवाद सोच के विरुद्ध होंगे. निश्चित ही इसके पीछे पाकिस्तानी समर्थकों का बहुत बड़ा हाथ होगा क्योंकि बांग्लादेश बनने का सबसे बड़ा कष्ट तो उसी को है. इस पूरे आन्दोलन को छात्र आन्दोलन का नाम लेकर न केवल उकसाया गया बल्कि उसे आक्रामक, हिंसात्मक रूप भी प्रदान किया गया. इसके पीछे स्पष्ट रूप से वे ताकतें दिखाई दे रही हैं जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से भारत-विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहती हैं.

 



आपके इंटरनेट पर, सोशल मीडिया पर व्यस्त बने रहने के साथ-साथ सजग, सतर्क रहने की आवश्यकता इस कारण से है क्योंकि बांग्लादेश की तरह की भूमिका अपने देश में भी बनती नजर आ रही है. राष्ट्रवादी सोच का लगातार विरोध किया जा रहा है. पाकिस्तान, फिलिस्तीन के पक्ष में खुलेआम नारेबाजी करने वाले इसी देश में हैं. पाकिस्तान समर्थक यहाँ अपना काम स्लीपर सेल के रूप में पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं, ऐसी खबरें हम सभी आये दिन पढ़ते-सुनते हैं. अब बस आप सब सजग रहिये. अपने आसपास के ऐसे तत्त्वों को पहचानिए.


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