07 जून 2024

राक्षस अभी जिंदा हैं

हम लोग 1990-92 में विद्यार्थी हुआ करते थे. बाद के कालखण्ड में लोग मौज लेते थे कि रामलला हम आयेंगे, तारीख नहीं बताएँगे.... उस समय मन के किसी कोने में खुद से संशय करते थे कि क्या वाकई राममंदिर नहीं बन सकेगा?


कालांतर में मोदी जी के आने के बाद लगा कि राममंदिर बन जायेगा, बना भी. अपने आपमें गर्व की अनुभूति हुई. लगा कि उन राक्षसों को मुँहतोड़ जवाब मिला है जो राममंदिर निर्माण के विरुद्ध थे, जिन्होंने निहत्थे कारसेवकों पर गोलियाँ चलवाई हैं.


अब इस चुनाव परिणाम के बाद समझ आ रहा है कि राक्षसों का अस्तित्व अभी जिंदा है. श्रीराम का मंदिर बना है मगर उनकी वनवास से वापसी नहीं हुई है. कारसेवकों के हत्यारे फिर जीवन पा गए.


इस कष्ट को वही समझ सकते हैं जिन्होंने बाबरी ध्वंस के समय के कष्ट को सहा है. बाकियों के लिए ये राजनीति की गणित मात्र है.

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