बहुत से काम औपचारिकता में करने पड़ते हैं. कुछ ऐसा ही काम अब त्योहारों-पर्वों पर शुभकामनायें देना लगने लगा है. अब बहुत कुछ होने के बाद भी एक खालीपन स्पष्ट दिखाई देता है. एक ऐसा इंतजार जो कभी समाप्त नहीं होना है मगर वह बना रहता है. इस खालीपन के साथ, एक इंतजार के साथ मन को, दिल को समझाया जाता है. दिल सब जानता है, मन सब समझता है इसके बाद भी इस सत्य को स्वीकारने की इच्छा नहीं होती है.
सब कुछ जानने-समझने के बाद भी एक रिक्तता के साथ एक इंतजार.
दीपावली सबके अँधेरे मिटाकर उनके जीवन में उजाला लाए.
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