मोबाइल फोन या कहें कि स्मार्ट फोन आने के बाद
से लोगों के लिए फोटोग्राफी करना सामान्य सी बात हो गई है. कहीं भी, कभी भी व्यक्ति अपना स्मार्ट फोन निकाल फोटो खींचने में लग जाता है. कोई
अपने सामने दिखाई दे रहे ऑब्जेक्ट की फोटो लेता है तो कोई खुद को ही ऑब्जेक्ट बना
कर सेल्फी लेने में व्यस्त रहता है. इतनी सहज-सुलभ-सामान्य फोटोग्राफी होने के बाद
भी यदि पूछा जाये कि फोटोग्राफी क्या है तो एक सामान्य सा जवाब आएगा कि कैमरे से
फोटो खींचना फोटोग्राफी है. यह सही भी है. तो आज बस एक सामान्य सा परिचय इसी कैमरे
से फोटो खींचने वाली फोटोग्राफी का.
असल में फोटोग्राफी कोई एक शब्द नहीं है. यह दो शब्दों
से मिलकर बना है. ये दोनों शब्द ग्रीक भाषा के हैं. इन दो ग्रीक शब्दों में एक है
फोटो (photo) और दूसरा शब्द है ग्राफ (graph). इन दो शब्दों से बने फोटोग्राफी का सामान्य रूप में अर्थ होता है फोटो अर्थात
प्रकाश की सहायता से ग्राफ यानि कि चित्र बनाना. आपको बताते चलें कि यहाँ फोटो का
अर्थ प्रकाश (light) से है. इस फोटो या लाइट का तात्पर्य ऐसे
भी समझना होगा कि कैमरे के सामने वाली किसी भी वस्तु, जिसे
फोटोग्राफी की भाषा में ऑब्जेक्ट कहते हैं, से प्रकाश टकरा
कर कैमरे के लेंस से गुजरता हुआ भीतर लगी रील तक पहुँचकर सम्बंधित वस्तु का चित्र
बनाता है. रील में एक विशेष प्रकार के केमिकल का लेप हुआ करता था. इसी रासायनिक
लेप के कारण कैमरे के लेंस से गुजरने वाली प्रकाश किरण से पहले निगेटिव बनता था, उसको साफ़ करके, डेवलप करने पर चित्र का निर्माण
किया जाता था. आजकल तो डिजिटल कैमरे चलने
लगे हैं, जिनमें किसी रील का कोई काम नहीं होता है. अब इन
डिजिटल कैमरों में सेंसर लगा होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक विधि
से फोटो खींचता, बनाता है.
किसी के लिए भी यह एक सामान्य समस्या होती है कि
अच्छी फोटो कैसे खींची जाए? फोटो में चमक, गहरे रंग, आकर्षक वस्तु का दिखाई देना ही एक अच्छी
फोटो की पहचान नहीं है. असल में एक बेहतरीन फोटो वही कही जा सकती है जो देखने वाले
को आकर्षित करे, उसके मन-मष्तिष्क पर गहरा प्रभाव डाले. यहाँ
इसी बिंदु के सन्दर्भ में समझना चाहिए कि किसी वस्तु की,
इंसान की, प्राकृतिक दृश्य की फोटो खींच लेना मात्र ही फोटोग्राफी
नहीं है. शौकिया फोटोग्राफी एक अलग बात है किन्तु मूल रूप में किसी फोटो के द्वारा
कोई बात कही जाये, किसी तरह का सन्देश दिया जाये तो उसे
अच्छी फोटोग्राफी कहा जा सकता है. फोटोग्राफी के द्वारा लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त
कर सकते हैं. किसी घटना, आयोजन को संजोया जा सकता है. यदि
कहा जाये कि फोटोग्राफी एक तरह की कला है, आर्ट है तो कोई
अतिश्योक्ति न होगी.
अमेरिकी फोटोग्राफर बेरेनिस अबोट का कहना है कि फोटोग्राफी
लोगों को देखने में मदद करती है अर्थात वह देखना सिखाती
है. यह बहुत बड़ी और गम्भीर टिप्पणी कही जाती है, फोटोग्राफी
क्षेत्र में. ऐसा माना जाता है कि मँहगे कैमरों से खींची जाने वाली फोटो ही बेहतरीन
फोटोग्राफी का उदाहरण है. असल में किसी भी फोटो में विषय का,
उसके द्वारा दिए जा रहे सन्देश का बहुत महत्व है. इसलिए कई बार सामान्य से कैमरे
यहाँ तक कि स्मार्ट फोन के द्वारा भी बेहतरीन फोटो निकाली जा सकती है, जो समाज को एक सन्देश दे.
फोटोग्राफी सीखने वालों के लिए, शौकिया फोटो खींचने वालों के लिए ये समझने की बात है कि कैमरा या स्मार्ट
फोन में कैमरे का होना महज क्लिक करने के लिए नहीं है. कैमरे को, अपनी फोटोग्राफी के द्वारा बहुत कुछ ऐसा किया जा सकता है, जिसे याद रखा
जाये. समाज, शिक्षा, युवाओं, पर्यटन, पर्यावरण, चिकित्सा, स्वास्थ्य आदि-आदि ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें फोटोग्राफी के द्वारा न
केवल रोजगार प्राप्त किया जा सकता है बल्कि लोगों को सकारात्मक सन्देश भी दिया जा
सकता है. यह बात सभी लोगों को ध्यान में रखनी चाहिए कि फोटोग्राफी बहुत बड़ी शक्ति
है जो समाज को एक सार्थक संदेश दे सकती है.
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