यह नक्शा लंदन की ब्रिटिश लाइब्रेरी में रखा
काशी विश्वनाथ मंदिर का है, जिसे जेम्स प्रिंसेप ने बनाया
था। इस नक्शे में काशी विश्वेश्वर मन्दिर के गर्भगृह को बीचो बीच दिखाया गया है। इस
पर अंग्रेजी में महादेव लिखा गया है। इसके चारों तरफ अन्य मन्दिर बने हैं।
औरंगजेब के हमले से स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को
बचाने के लिए सन 1669
में मंदिर के पुजारी जी ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे। जब औरंगजेब
की सेना जब स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को नुकसान नहीं पहुंचा पाई, तब उसने मंदिर के
बाहर बैठे 5 फीट ऊंची नंदी की मूर्ति पर हमला कर दिया। मूर्ति
पर खूब हथौड़े चले, खूब प्रहार किए गए पर नंदी अपनी जगह से
हिले नहीं। तमाम प्रयासों के बाद सेना हार गई और नंदी जी को उसी जगह छोड़ दिया। यह
प्रतिमा ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ है। हम सब जानते हैं कि नंदी जी का मुँह सदा
शिवलिंग स्थापित गर्भगृह की ओर ही होता है।
नक्शे के नीचे लिखे गए डिस्क्रिप्शन को गौर से
देखा जाए, तो अंग्रेजी में लिखा है - The doted line
shows the portion of the temple occupied by the present masjid.
अर्थात नक्शे में बनाई गई डॉटेड लाइन मौजूदा
मस्जिद के कब्जे वाले मंदिर के हिस्से को दर्शाती है। यह नक्शा सन 1832 में तैयार किया गया था।
नक्शा और पोस्ट डॉ. अभिलाषा की फेसबुक पोस्ट से साभार
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (11-05-2022) को चर्चा मंच "जिंदगी कुछ सिखाती रही उम्र भर" (चर्चा अंक 4427) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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अच्छी जानकारी ।
जवाब देंहटाएंलेख पढ़ा सो तो पढ़ा ही...ज्ञानवापी के बारे में अब यह सूचना हमारी थातियों को सरेआम करेगी...परंतु परंतु मुझे तो आपका नाम जबरदस्त लगा...वाह क्या बात है ''रायटाेक्रेट'' जी
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