कभी हसरत थी आसमां को छूने की, अब तमन्ना है आसमां के पार जाने की.
चंद स्मृति चित्रों के साथ जन्मदिन का आशीर्वाद.
अब बस यादें शेष हैं, तुम नहीं मगर तुम्हारे ये चित्र हमारे साथ हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें